केजरीवाल पर सवाल |
September 26 2011 |
एक मैली सी गठरी लिए दबे पांव चुपचाप भाग रहा था वह, पर रहजनों की नजरों से बच पाना कब इतना आसान था, लिहाजा उसे दौड़ा-दौड़ा के मारा गया, लहूलुहान होता रहा उसका ईमान, जो उसने बड़ी जतन से अपनी गठरी में संभाल रखा था। कांग्रेसी उस घड़ी को कोस रहे हैं कि जब बेहद एक मामूली सी मांग को लेकर अरविंद केजरीवाल उनके दर पर आए थे, तो तत्कालीन केंद्रीय राज्य मंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने केजरीवाल की एनजीओ को वह काम देने से क्यों मना कर दिया था, केजरीवाल आरटीआई को फोन और ऑनलाइन शुरू करने का प्रस्ताव लेकर चव्हाण के पास आए थे, पर चव्हाण ने अनजाने में ही इस प्रस्ताव को नकार दिया, जबकि वहीं नीतीश ने केजरीवाल को बुलाकर यही योजना बिहार में शुरू करने को कहा, आज बिहार में यह योजना फल-फूल रही है और उससे भी कहीं ज्यादा फल-फूल रही है नीतीश की उद्दात महत्त्वाकांक्षाएं क्योंकि वे जानते हैं कि टीम अन्ना का समर्थन उनके साथ है। |
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