| किश्तवाड़ के गुनहगार |
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August 17 2013 |
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किश्तवाड़ की घटनाओं पर प्रमुख विपक्षी दल भाजपा की इस कदर मुस्तैदी काम आई और अलगाववादियों के वे मंसूबे धरे के धरे रह गए जिसके तहत सुनियोजित तरीके से वहां दंगे की आड़ में वे हिंदुओं को कश्मीर निकाला का ख्वाब देख रहे थे। ऐसा ही कुछ कश्मीर में सन् 2000 के दंगों के दौरान हो चुका था, जब बड़ी तादाद में कश्मीरी पंडितों को एक साजिश के तहत कश्मीर से निकलवा दिया गया था। सूत्र बताते हैं कि खुफिया रिपोर्ट में इस बार यह अंदेशा जताया गया था कि उमर सरकार के कई मंत्री सीधे अलगाववादियों के संपर्क में हैं और उनकी पूरी योजना सीमर्ावत्ती क्षेत्रों से हिंदू परिवारों को वहां से विस्थापित करने की है। पर समय रहते यह खबर भाजपा के शीर्ष नेताओं को लग गई। खबर मिलते ही भाजपाध्यक्ष राजनाथ सिंह ने सीधे प्रधानमंत्री से बात कर ली, अरूण जेतली जम्मू जा पहुंचे, सुषमा स्वराज ने यह मामला संसद में उठा दिया, नरेंद्र मोदी ने सार्वजनिक मंचों पर यह बात जोर-शोर से उठायी यानी हिंदुस्तान एक बड़ी साजिश का शिकार होने से बच गया। |
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