| काले चश्मे के पीछे का अंधेरा |
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February 27 2011 |
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सोनिया जयललिता के साथ जाना नहीं चाहतीं, इसीलिए कांग्रेस की मजबूरी है द्रमुक को पटाए रखने की। वैसे भी कांग्रेस को कहीं गहरे तक यह बात मालूम थी कि अगर सीडब्ल्यूजी से विपक्ष और देश का ध्यान भटकाए रखना है तो 2जी पर जांच भी जरूरी है और जेपीसी भी। सो, केंद्रनीत सरकार ने अपने तार भली-भांति करुणानिधि से जोड़ रखे हैं, काले चश्मेवाले बाबा को कलाईगर टीवी पर छापे की पहले से खबर थी, चुनांचे उन्हें सब दुरुस्त करने का वक्त भी मिल गया था। और यह रेड शुरू भी हुई रात के साढ़े बारह बजे और खत्म हो गई सुबह के 5.15 बजे। यानी इस बात का पूरा ध्यान रखा गया कि टीवी के ज्यादातर सीनियर अधिकारियों को कोई तकलीफ न उठानी पड़ जाए। |
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