आतंकवाद से निबटने के लिए नई संस्था |
February 20 2012 |
आतंकवाद से निपटना केंद्र सरकार की परिधि में आता है और इससे निबटने के लिए कानून बनाना भी केंद्र सरकार का ही अधिकार है। अभी एनसीटीसी यानी ‘नेशनल काउंटर टेरेरिम सेंटर’ का गठन एनआइए की तर्ज पर किया गया है। यह आइबी के अधीन रहकर काम करेगा और इसे भी ‘अनलॉफुल एक्टिविटीज प्रिवेंशन एक्ट’ के तहत तमाम तरह के अधिकार दे दिए गए हैं, इस कानून के अमल में आने से राज्य सरकारों का यह कर्तव्य बन जाता है कि वह एनसीटीसी द्वारा मांगी गई हर जानकारी इसे देने को बाध्य हैं। राज्य का कोई भी बड़ा पुलिस अधिकारी चाहे वह डीआईजी या आईजी रैंक का ही क्यों न हो, उसे एनसीटीसी के अधीन रहकर कार्य करना होगा। इस एजेंसी को किसी वांछित के फोन टेपिंग करने या उसे गिरफ्तार करने के लिए राज्य सरकार की अनुमति नहीं लेनी होगी, जबकि मौजूदा कानून में तो किसी की जांच के लिए सीबीआई को भी राज्य सरकार की अनुमति लेनी पड़ती है, जिससे आम तौर पर ऐसी खबरें लीक हो जाती हैं। एनसीटीसी के गठन व इससे जुड़े कानून को लेकर गैर कांग्रेसी खासकर भाजपायी सरकारों ने हाय-तौबा मचा दिया है, इन राज्य सरकारों का कहना है कि केंद्र ने ऐसा कोई कानून बनाने से पहले उनसे इस बारे में राय-विचार करना भी जरूरी नहीं समझा और सीधे इस कानून के बाबत नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। अधिकतर गैर कांग्रेसी राज्य सरकारों को दरअसल केंद्र की मंशा पर ही शक है। |
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