अब दिल्ली की बारी है

November 27 2011


सूची प्राप्त होते ही वित्त मंत्रालय हरकत में आ गया। आनन-फानन में एक टीम गठित की गई, वित्त मंत्रालय में पदस्थ एडवाइजर स्तर के एक उच्च पदस्थ अधिकारी को इस पूरे ऑपरेशन की बागडोर सौंपी गई। इस टीम ने इस लिस्ट को आधार बनाकर देशव्यापी छापे डाले। सबसे ज्यादा छापे मुंबई और गुजरात में डाले गए। गुजरात के कई डायमंड मचर्ेंट इन छापों की जद में आ गए। अब दिल्ली की बारी है। पकड़े जा रहे लोगों से कहा जा रहा है कि वह 35 फीसदी की दर से रिवाइज्ड रिटर्न फाइल करें अन्यथा उन्हें फेमा, प्रिवेंशन ऑफ मनी लांडरिंग एक्ट एवं इंकम टैक्स एक्ट के तहत बुक किया जा सकता है। इसमें महज रिवाइज्ड रिटर्न फाइल कर देने से ही काम नहीं चल रहा है, कथित तौर पर अधिकारियों की जेबें भी गर्म हो रही हैं। पर कुछ के वकीलों ने पंगा खड़ा कर दिया है कि कहीं कुछ भी टैक्स जमा कराने की जरूरत नहीं है, आखिर इस लिस्ट की विश्वसनीयता क्या है? पर ऐसे लोगों पर सरकार सख्ती बरतने का मूड बना चुकी है।

 
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