बॉस कौन? मंत्री या सचिव? |
July 05 2014 |
जब से केंद्रीय मंत्रियों को अपना प्राइवेट सेके्रटरी रखने के लिए भी पीएमओ से अनुमति लेनी पड़ रही है एक तरह से सारा सियासी परिदृश्य बदल गया लगता है, कई मंत्रियों को तो उसके पीएस के नाम भी पीएमओ ने ही सुझाए हैं, ऐसे में केंद्रीय मंत्री इस बात को लेकर भी परेशान हैं कि उनके विभाग के सचिव यानी सीनियर आईएएस अफसर भी अपना अलग खटराग अलाप रहे हैं, चूंकि मोदी ने कथित तौर तमाम मंत्रालय के सचिवों से कह रखा है कि वे सीधे प्रधानमंत्री और प्रधानमंत्री कार्यालय के संपर्क में रह सकते हैं, और अगर संबंधित मंत्री द्वारा उनके विभागीय कार्यकलापों से संतुष्ट नहीं तो सीधे पीएम को रिपोर्ट कर सकते हैं। इस बात से कई मंत्रियों को ऐसा लग रहा है कि विभाग का सचिव उन पर खुफिया आंखें रख रहा है। एक वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री को पीएमओ ने उनके विभागीय प्रेजेंटेशन के लिए बुलाया, चूंकि इन मंत्री का पीएस नया था और उन्हें मंत्री के साथ काम करने का कोई पूर्व अनुभव नहीं था, सो मंत्री जी ने मोदी की पसंद और उनके मिााज को भांपते हुए रात-रात जग कर पूरा प्रेजेंटेशन खुद ही तैयार कर लिया। जब यह प्रेजेंटेशन विभाग के सचिव के पास आया तो उसने एक सिरे मंत्री जी की सारी मेहनत को खारिज कर दिया। और एक नोट भेज दिया कि-‘मैं इस प्रेजेंटेशन से खुश नहीं हूं, कृपया इसे दुबारा तैयार किया जाए।’ मंत्री हक्का-बक्का है कि मोदी राज में आखिर मंत्रालय का बॉस कौन है सचिव या मंत्री? |
Feedback |