संघ की ऊलटबांसी |
December 15 2017 |
प्रेस क्लब ऑफ इंडिया के हालिया संपन्न चुनाव में बादशाह सेन व जतिन गांधी समर्थित पैनल को मुंह की खानी पड़ी और जीत का सेहरा गौतम लाहिरी पैनल के सिर बंधा। अब इस हार-जीत को नए सिरे से पारिभाषित करने के लिए एक दिलचस्प किस्सा उभर कर सामने आ रहा है। सूत्र बताते हैं कि प्रेस क्लब चुनाव के एक रोज पहले तकरीबन डेढ़ सौ अहम पत्रकारों को एक संघ विचारक का फोन गया और उन्होंने पत्रकारों से बादशाह सेन पैनल को विजयी बनाने की अपील की। जाहिर है इस अपील का उलटा असर हुआ और स्वतंत्र विचार रखने वाले कई पत्रकारों ने अपने वोट बादशाह सेन पैनल को नहीं दिए। जब यह खबर बादशाह सेन पैनल वालों को लगी तो उन्होंने उस नामी संघ विचारक को फोन लगाकर पूछा कि आखिर वे क्यों पत्रकार मित्रों को ऐसा फोन कर रहे हैं, जबकि संघ की विचारधारा से इस पैनल का कोई लेना देना नहीं। दूसरी ओर से जवाब मिला कि वे चाहते हैं सेन पैनल विजयी हो और इसके लिए वे इस पैनल को बिना शर्त समर्थन दे रहे हैं। सेन पैनल को अब अपने हार की वजह का पता चल चुका है क्योंकि जो पैनल जीता है संघ के प्रति किंचित उनके रुख में नरमी जरूर है। |
Feedback |