अनाथालयों पर मंत्रालय सख्त |
November 15 2014 |
केंद्रीय महिला और बाल कल्याण मंत्रालय के पास देश-विदेश से अनाथ बच्चों को गोद लेने के लिए बड़ी संख्या में आवेदन आ रहे हैं। इसको देखते हुए मंत्रालय ने देश के सभी सरकारी सहायता प्राप्त अनाथ आश्रमों को पत्र लिख कर उनसे वैसे बच्चों की सूची मांगी है जिन्हें गोद दिया जा सकता हो, पर हैरानी की बात यह है कि इस बाबत ज्यादातर अनाथ आश्रम टाल-मटोल कर रहे हैं और ऐसे बच्चों की सूची देने में आनाकानी कर रहे हैं, कई कह रहे हैं कि उनके पास उतने बच्चे ही नहीं है जिन्हें गोद दिया जा सके। जबकि सच्चाई यह है कि ये आश्रम लगातार बच्चों के भरण-पोषण के नाम पर सरकार से अनुदान प्राप्त कर रहे हैं, आखिर जिन बच्चों के नाम पर अनुदान लिया जा रहा है, वे बच्चे कहां गए, अगर बच्चे नहीं हैं तो फिर अनुदान क्यों? या बच्चे गोद देने में इतनी आनाकानी क्यों? क्या पिछले दरवाजे से बच्चों की खरीद-फरोख्त हो रही है? इसे देखते हुए मंत्रालय गोद कानून में एक बड़े बदलाव का मसौदा केंद्रीय कैबिनेट में पेश करने जा रहा है। |
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