मोदी विरोध की कीमत |
February 26 2018 |
भाजपा व संघ परिवार में इस बात को लेकर एक तरह से आम सहमति बनी हुई है कि पार्टी या संघ के अंदर से प्रधानमंत्री पर सीधा हमला कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यही बात पहले विहिप के प्रवीण तोगडि़या को समझाने की कोशिश हुई, पर तोगडि़या जब फिर भी नहीं माने तो संघ ने ही उनका हिसाब किताब दुरूस्त कर दिया। भारतीय मजदूर संघ के ब्रजेश उपाध्याय ने भी गलती से ऐसा ही दुस्साहस कर दिया था, जिसकी कीमत उन्हें चुकानी पड़ी। अश्विनी महाजन भी इसी रास्ते पर चल निकले थे, पर अचानक से बजट के बाद उन्होंने यू-टर्न ले लिया, चुनांचे उन्हें अभयदान मिल गया। अब अनूप मिश्रा भी जब जाने-अनजाने इसी राह पर चल निकले और भरी सदन में जब उन्होंने हुंकार भरी कि सरकार केवल जुमलों से नहीं चलती, सरकार कैसे चलती है यह किसी को वाजपेयी जी से सीखनी चाहिए, तो राव इंद्रजीत सिंह ने उन्हें रोकना चाहा और उन्हें अपनी सीट पर बैठ जाने को कहा तो मिश्रा उन पर ही भड़क गए-’ अरे आप मुझे क्या सिखाइएगा, आप तो खुद कांग्रेस से आए हैं’, कहते हैं इस बात का भी संघ ने संज्ञान लिया है, सूत्र बताते हैं कि अनूप मिश्रा जो वाजपेयी के रिश्तेदार भी हैं, उन्हें बुलाकर आइना दिखा दिया गया है, और नए जमाने के नए दस्तूर में आइना भी हर बार सच ही बोले, यह जरूरी तो नहीं। |
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