आप तो ऐसे ना थे! |
April 26 2015 |
आम आदमी पार्टी की जंतर मंतर रैली में आत्महत्या करने वाले दौसा, राजस्थान के किसान गजेंद्र सिंह की मौत की गुत्थी लगातार उलझती जा रही है। इस बात पर भी सियासी धुंध छाई है कि गजेंद्र सिंह को क्या सचमुच मनीष सिसौदिया ने फोन करके दिल्ली बुलाया था? वैसे भी गजेंद्र उन किसानों में शामिल नहीं था जिसकी पूरी की पूरी फसल बर्बाद हो गई हो। उनके पास 15 बीघा जमीन थी। उनके गांव में उनका पैतृक 4 कमरों का पक्का मकान था, उनका पगड़ी बांधने का भी कार्य था वे बिल क्लिंटन से लेकर अटल बिहारी को पगड़ी बांध चुके थे, सूत्र बताते हैं कि शादी-ब्याह में भी वे पगड़ी बांधने का काम करते थे और एक पगड़ी बांधने के एवज में 500 रुपए तक लेते थे। वे सपा, कांग्रेस, भाजपा जैसी राजनैतिक पार्टियों में रह चुके थे, और कोई 10 वर्ष पहले वे सपा के टिकट पर चुनाव भी लड़ चुके थे। सूत्र बताते हैं कि एक वर्ष पहले ही वे आप के संपर्क में आए थे और उन्होंने तय किया था कि वे आप ज्वॉइन करेंगे। सूत्रों की मानें तो आप नेताओं को पेड़ पर चढ़ने के उनके फितूर के बारे में पता था, ये सभी मात्र उनका एक पब्लिसिटी स्टंट मान रहे थे। गजेंद्र ने जब गले में गमछा लपेटा तो उस वक्त उनका दूसरा पैर अपेक्षाकृत एक छोटी शाखा पर टिका था, जो फिसल गया और गले का गमछा उनके लिए मौत का फांस बन गया। |
Feedback |