’सियासत ऊनींदे ख्वाबों का ही तो एक सफ़र है
तुझे ख़बर हो न हो पर हर हाल में ये बाख़बर है’
भाजपा के जाज्वल्यमान नक्षत्र योगी आदित्यनाथ के निर्विघ्न भगवा यात्रा को जैसे किसी की नज़र लग गई है, एक वक्त ऐसा भी था जब इनकी गिनती भाजपा के सबसे शक्तिशाली मुख्यमंत्रियों में होती थी, पार्टी के नंबर दो से अनबन की तमाम खबरों के बाद भी योगी की निष्कंटक उड़ान पर कोई विराम नहीं था, क्योंकि माना जाता था कि पीएम और संघ का उन्हें विशेष आशीर्वाद प्राप्त है। वक्त गुजरा और योगी की प्रशासनिक उलझनें बढ़ती गईं, अब हालात इस मुकाम पर आ पहुंचे हैं कि उनकी गद्दी पर उनके ही नंबर दो की नज़र है। उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कोई दो हफ्ते पहले स्वयं ही ट्वीट कर अपने कोरोना संक्रमित होने की जानकारी दी थी, फिर खबर आई कि वे क्वारंटीन में है, मगर दिल्ली में है। सूत्रों के हवाले से खबर यह भी आई कि वे दिल्ली में रहते हुए अपने लिए पॉलिटिकल लॉबिंग कर रहे हैं। सूत्रों की मानें तो इस दौरान भाजपा के कुछ प्रमुख नेताओं के अलावा वे संघ के नंबर दो दत्तात्रेय होसाबोले और कृष्ण गोपाल से भी मिले। मौर्या खुद को योगी के रिप्लेसमेंट के तौर पर स्थापित करने में जुटे हैं और हाथरस मामले के बाद जब से इन कयासों को पंख लगे हैं कि योगी की छुट्टी हो सकती है, मौर्य की सक्रियता और बढ़ गई है। कहते हैं जब से इस बात की खबर योगी को लगी है उन्होंने अपने इरादे भी साफ कर दिए हैं कि मौर्य को डिप्टी सीएम पद से हटना होगा। संघ को भिजवाए गए संदेश में कहा जाता है कि उन्होंने दो टूक साफ कर दिया है कि ’अगर मौर्य को हटाने से ओबीसी वोटों के नाराज़गी का खतरा है तो वे केशव की जगह स्वामी प्रसाद मौर्य को उनकी जगह डिप्टी सीएम बनाने को तैयार हैं।’ यानी युद्ध का उद्घोष हो चुका है, योगी को अपनी भावनाओं पर काबू रख कर सियासी पैंतरे दिखाने ही होंगे।