दादा का पुत्री प्रेम |
November 05 2012 |
प्रणब दा ने भले ही सक्रिय राजनीति से तौबा कर ली हो पर उनके बच्चों में राजनैतिक महत्वाकांक्षाएं खूब परवान चढ़ रही हैं। उनके पुत्र अभिजीत तो पहले विधायक और अब जंगीपुर संसदीय सीट से सांसद बन कर अपने राजनैतिक होने का प्रमाण दे ही चुके हैं। पर जंगीपुर से चुनावी जंग में उन्हें खासी मशक्क्त करनी पड़ी और वे बमुश्किल वहां से सिर्फ ढाई हाार वोटों से जीत दर्ज कर पाए। रही बात प्रणब दा की तो वे अपने बेटे की तुलना में अपनी बेटी को ज्यादा पॉलिटिकल मानते हैं। पर पुत्र की इच्छा के आगे उन्हें झुकना पड़ा। अब उनकी पुत्री अपने भाई द्वारा रिक्त की गई विधानसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहती थी तो राजनैतिक मर्यादाओं की दुहाई देकर प्रणब दा ने साफ कर दिया कि एक परिवार के दो लोगों को राजनीति में नहीं होना चाहिए। |
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