शाह के समोसे व गर्म चाय

November 13 2016


मीडिया व पत्रकारों से एक दूरी बनाकर चलने में विश्वास रखने वाले भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कुछ चुनींदा पत्रकारों को दोपहर के 3 बजे भाजपा मुख्यालय स्थित अपने दफ्तर में चाय-समोसे पर आमंत्रित किया। पर सत्तर्कता बरतते हुए पत्रकारों के मोबाइल फोन तक बाहर रखवा लिए गए। दरअसल, मोदी की ओर से शाह को यह जिम्मेदारी सौंपी गई थी कि करेंसी नोटों को लेकर व्याप्त तमाम तरह के भ्रमों का निवारण जनता के बीच होना जरूरी है। एक पत्रकार ने शाह की ओर एक चुभता हुआ सवाल उछाल ही दिया कि ’पीएम के इस कदम से भाजपा के अपने कोर वोट बैंक पर आफत आ गई है, छोटे व्यापारी काफी नाराज़ हैं’ तो शाह ने साफ किया कि ‘छोटे व्यापारियों पर आय कर का शिकंजा कसने का सरकार का कोई इरादा नहीं है। आम जनता को भी इससे कोई परेशानी नहीं होगी, क्योंकि वे ढाई लाख तक की अपनी रकम वे सीधे अपने खातों में जमा कर सकते हैं।’ एक पत्रकार ने जानना चाहा कि ’क्या यूपी चुनाव खत्म होने के बाद मोदी सरकार आय कर विभाग के छापों में तेजी लाएगी?’ शाह का जवाब था- ’आप यह क्यों नहीं देखते कि बिना कोई इलेक्ट्रॉल रिफॉर्म लाए इतना बड़ा रिफॉर्म हो गया।’ फिर एक पत्रकार ने शाह की दुखती रग पर हाथ रख दिया, उन्होंने पूछा-’पर राहुल गांधी तो सरकार के इस कदम की आलोचना कर रहे हैं?’ शाह ने दो टूक कहा-’जाओ पहले राहुल गांधी को समझ का इंजेक्शन लगा कर आओ।’ इस अनौपचारिक बातचीत का सिलसिला खत्म होने को था कि एक पत्रकार ने भाजाध्यक्ष से पूछ लिया-’आपको सरकार के इस फैसले की जानकारी कब मिली?’ तो शाह ने कहा-उस वक्त वे फलाइट में थे, सो उन्हें आधे घंटे बाद ही इस बात की जानकारी मिल पाई।

 
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