इटली में संस्कृत की पढ़ाई

September 27 2014


अगले साल फरवरी माह में कर्नाटक के मैसूर में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित करने जा रहा है। सूत्र बताते हैं कि इस सम्मेलन में उन देशों के प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे जहां सूर्य देवता की पूजा होती है या उनके ईष्टदेव भगवान सूर्य हैं। इस सम्मेलन की तैयारी संघ ने काफी पहले से शुरू कर दी थी, संघ के नंबर दो नेता माने जाने वाले भैय्याजी जोशी इसी सम्मेलन की तैयारी के सिलसिले में यूरोप और अमरीका के कई प्रमुख देशों में प्रवास कर आए हैं। संघ के निकर्टवत्ती सूत्रों का दावा है इस सम्मेलन में भाग लेने के लिए न्यूजीलैंड से मरायो, मेक्सिको से मायन जैसी कई जातियों-उप जातियों के प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे, संघ के एजेंडे में संस्कृत भाषा का प्रचार प्रसार भी जुड़ा है, शायद यही वजह है कि इटली के दो प्रमुख विश्वविद्यालयों रोम और तूरिन यूनिवर्सिटी में संस्कृत की पढ़ाई शुरू हो सकी है। यानी मोदी के अभ्युदय के साथ विश्व पटल पर हिंदुत्व के प्रतिस्थापन की कोशिशों के पर लग चुके हैं।

 
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