प्रकाश की आस |
June 21 2014 |
प्रकाश जावडेक़र सियासी नेपथ्य से बाहर आने के बाद अपने लिए संभावनाओं की नई जमीन तैयार कर रहे हैं, अब उनकी नज़र महाराष्ट्र पर टिक गई है। सो, यूं अचानक वे महाराष्ट्र की राजनीति में सक्रिय हो गए हैं, जावडेक़र जब दिल्ली में होते हैं तो उनका ऑफिस चुन-चुन कर मराठी पत्रकारों को मंत्री जी से मुलाकात के लिए बुलवाता है, और उन मराठी पत्रकारों को जावड़ेकर बेहद भरोसे के साथ यह समझाने का यत्न करते हैं कि माननीय मुंडे जी के आकस्मिक निधन के बाद भाजपा के पास महाराष्ट्र में ऐसा कोई चेहरा नहीं बचा है जिसे वह सीएम के तौर पर प्रोजेक्ट कर सके। पिछले चुनाव में भी शिवसेना के मुकाबले भाजपा को दो सीटें ज्यादा मिली थी और अगर इस चुनाव में भी भाजपा गिनती में सेना के मुकाबले बड़े दल के तौर पर उभरती है तो सीएम भाजपा का ही होगा। मराठी पत्रकार गण इतना तो समझ ही रहे हैं कि प्रकाश जावड़ेकर आखिर कहना क्या चाह रहे हैं? |
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