रतन-मुकेश करीब आए |
January 10 2017 |
एक वक्त था जब भारतीय औद्योगिक जगत के दो बेताज बादशाह रतन टाटा और मुकेश अंबानी के दरम्यान चंद तल्खियां करवटें बदलती थीं, कुछ नीरा राडिया के प्रयासों की बदौलत और कुछ परिस्थितिजन्य संत्रास की वजह से आज भारत के ये दोनों शीर्ष उद्योगपति सबसे करीबी दोस्त बन गए हैं, कुछ इतने करीबी कि साइरस मिस्त्री के बारे में किंचित कठोर और कड़ा फैसला लेने से पूर्व, अगर रतन टाटा ने किसी से बात करने की जहमत उठाई तो वे बस मुकेश अंबानी थे। अंबानी से जुड़े एक करीबी सूत्र के मुताबिक उस दिन जब मुकेश को टाटा का फोन गया तो मुकेश नीदरलैंडस की राजधानी एम्सटर्डम के एक होटल में ‘जिम’ कर रहे थे। दरअसल, मुकेश व रतन को करीब लाने में उद्योगपति नुस्ली वाडिया की भी एक अपरोक्ष भूमिका रही है। नुस्ली वाडिया और रिलायंस के कर्णधार धीरूभाई अंबानी की व्यावसायिक दुष्मनी किसी से छुपी नहीं है, और ताजा हालात में रतन टाटा बनाम साइरस मिस्त्री की जंग में वाडिया का झुकाव साफ तौर पर साइरस मिस्त्री के लिए दिखता है, ऐसे में रतन टाटा का मुकेश अंबानी के प्रति रूझान शनैःशनैः बढ़ता चला गया। सो, इस वक्त मुकेश भी न सिर्फ खुलकर रतन टाटा का साथ दे रहे हैं, बल्कि अपनी दोस्ती को एक नया परवान भी दे रहे हैं। |
Feedback |