जनता व कार्यकर्ताओं की राय से पार्टी लीडर ढूंढ रहे हैं राहुल

July 10 2017


राहुल गांधी के एक बदले अवतार में सामने आने के लिए कृतसंकल्प जान पड़ते हैं, इटली जाकर अपनी नानी से मिलकर आने के बाद उन्होंने पहला काम किया कि राजस्थान व मध्य प्रदेश के जनमत व कार्यकर्ता सर्वेक्षण रिपोर्ट को खंगाला है। दरअसल, राहुल ने एक नामचीन सर्वेक्षण एजेंसी को यह जिम्मा सौंपा था कि वे राजस्थान और मध्य प्रदेश में अलग-अलग जनता व पार्टी कार्यकर्ताओं का मत जाने कि कांग्रेस वहां किस नेता को आने वाले विधानसभा चुनाव में अपने लीडर के तौर पर प्रोजेक्ट करे। राजस्थान में मुकाबला पूर्व सीएम अशोक गहलोत और युवा तेज तर्रार नेता सचिन पायलट के बीच था। आरजी ऑफिस से जुड़े एक विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि इस सर्वे में हैरतअंगेज रूप से बुजुर्ग गहलोत ने युवा पायलट को पटखनी दे दी। पार्टी कार्यकर्ताओं के सर्वे में गहलोत को 71 तो सचिन को मात्र 29 फीसदी मतों से संतोष करना पड़ा। ’इनमें से कोई नहीं’ के पक्ष में कोई भी वोट नहीं पड़ा। वहीं पब्लिक की राय में गहलोत 64 और सचिन 36 फीसदी जनता की पसंद बनकर उभरे। सीपी जोशी इस बात से सबसे ज्यादा नाराज हैं कि राहुल ने इस सर्वे में उनका नाम ही नहीं रखा। कहते हैं सर्वेक्षण नतीजे आने के बाद सचिन ने राहुल से मिलकर सफाई दी कि जो नेता पहले सरकार के मुखिया रह चुके हैं, पार्टी में उनके अनुयायियों की संख्या जाहिरा तौर पर ज्यादा है। सो, सचिन ने ग्रांउड जीरो पर काम करने के लिए राहुल से थोड़ा और वक्त मांगा है।

 
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