पार्टी टीवी

August 23 2014


सियासी दलों में अपना टीवी चैनल शुरू करने की ललक काफी पुरानी है, जब केंद्र में एनडीए की सरकार थी और अरुण जेतली इसके सूचना-प्रसारण मंत्री तब बंगाल में सत्तासीन सीपीएम राज्य में अपना एक अलग टीवी चैनल शुरू करना चाहता था, पर तब जेतली की ओर से इसकी इजाजत नहीं मिली थी। ममता बनर्जी जब बंगाल की सत्ता पर काबिज हुईं तो उनका भी ऐसा ही कुछ इरादा था पर तब केंद्र में यूपीए-2 की सरकार थी और मनीष तिवारी सूचना-प्रसारण मंत्री थे, उन्होंने दीदी के इस प्रस्ताव को ठंडे बस्ते में डाल दिया। 2014 के लोकसभा चुनाव से कई महीने पूर्व स्वयं नरेंद्र मोदी के करीबियों का इरादा एक न्यूज चैनल शुरू करने का था, इसके लिए बकायदा एक ऑपरेटर से बात भी हो गई थी, पर ऐन वक्त नमो ने ही इसके लिए मना कर दिया। पर सीपीएम ने केरल में एक मीडिया ट्रस्ट बनाकर ‘कैराली’ चैनल शुरू कर दिया। बुद्धदेव भट्टाचार्य ने बंगाल में जी टीवी के सुभाष चंद्रा से बात कर ‘जी 24घंटा’ के लिए तमाम संसाधन जुटाने में मदद की, कई सीपीएम समर्थक उद्योगपतियों के भी इस चैनल में पैसे लगे और एक तरह से बंगाल में यह चैनल सीपीएम का माउथपीस बनकर रह गया और कहीं न कहीं यह लगातार ममता विरोध की अलख भी जगाता रहा। पर जब से बंगाल की गद्दी ममता के पास आई है इस चैनल ने भी लगातार अपने सुर बदले हैं, सूत्र बताते हैं कि अब तो हालत यह हो गई है कि ममता को खुश करने के लिए चैनल के मालिकों ने सीपीएम समर्थक माने जाने वाले अपने चैनल हेड की ही छुट्टी कर दी है। क्योंकि मौके का फायदा उठाते हुए चंद्रा के परंपरागत विरोधी नवीन जिंदल ने बंगाल में अपना फोकस-बांग्ला शुरू कर दिया और इस चैनल को प्रो-ममता माना जाता है। सो, ममता के हालिया सिंगापुर दौरे को कवर करने के लिए जी-24 घंटा ने अपने 10 लोगों की टीम सिंगापुर भेजी, जहां से दीदी के हर कार्यकलाप को लाईव प्रसारित किया गया।

 
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