चुनावी होली और यू-टयुब की बोली |
March 16 2014 |
इस दफे के चुनावी महासमर में होली की आहटों के बीच सियासी व चुनावी रंग-गुलाल बिखेरे जा रहे हैं, टेसू खिलते हैं और पलाशवन को अग्नि रंग से भर देता है और नारों-भाषणों के स्वर पंचम राग बन हर दिशा में गूंज जाते हैं, ऐसे में तमाम सियासी दलों की ई-आर्मी मुस्तैदी से इंटरनेट पर जुटी हुई है, नए मजाकिया वीडियो बनाए जा रहे हैं, वे तेजी से वायरल हो रहे हैं और पलक झपकते ही लाखों की संख्या में हिटïï्स पा रहे हैं, राजनैतिक विरोधियों पर सधे अंदाज में तंज़ कसे जा रहे हैं, मसलन निकर में राहुल गांधी और उनका एक चुनावी विज्ञापन-‘हर हाथ लॉलीपॉप’ खूब पॉपुलर हो रहा है। जवाब में कांग्रेसी रणनीतिकारों ने भी ‘ढोल की पोल’ रणनीति के तहत ‘चाय पर चर्चा’(वीडियो) के बहाने मोदी की बखिया उधेड़ रखी है, यह वीडियो भी यू-टï्युब पर खूब देखा जा रहा है। ‘आप’ पार्टी भी इस ई-लड़ाई में कूद पड़ी हैं ‘आप’ के समर्थन में जो वीडियो बने हैं, वे एक वैधानिक चेतावनी के साथ शुरू होते हैं-‘अपने मानसिक संतुलन को घिसे-पिटे डिबेट से बचाइए, अपने नजदीकी नमो या गांधी भक्त को चांटा लगाइए।’ एआईबी द्वारा निर्मित ‘आप’ का आम गुठली के दाम’ में केजरीवाल की तमाम सियासी भंगिमाओं के निहितार्थ ढूंढे गए हैं, वहीं धरना डांस वीडियो में केजरीवाल पर एक दिलचस्प रैप दिखाया गया है, वहीं ‘नायक टू दï् कॉमन मैन’ में केजरीवाल के केजरीवाल बनने और आम आदमी पार्टी के अभ्युदय को बेहद मजाकिया अंदाज़ में पेश किया गया है। पप्पू, फेकू व केजरीवाल के टïवीटïï्स, चुटकले, वीडियो, यू-टïï्युब फेस बुक और टïï्वीटर पर लोकप्रियता के नए कीर्तिमान बना रहे हैं। यह परंपरा भारतीय चुनावों के संदर्भ में चाहे नई हो, पर पश्चिमी देशों के चुनाव में खासकर अमरीका व इंग्लैंड में ऐसे वीडियो का वायरल होना एक आम बात रही है। 2008 और 2012 के अमरीकी राष्टï्रपति के चुनावों में ऐसे वायरल वीडियो और इंटरनेट माइम ने वहां के वोटरों में धूम मचा दी थी, अब यह कहानी भारत के आम चुनाव में भी दुहराई जा रही है। |
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