नए अवतार में मुख्तार |
September 26 2016 |
संघ और उनके आनुशांगिक संगठनों की बदली भंगिमाएं भले ही देश के अल्पसंख्यक समुदायों की पेशानियों पर बल ला रहे हों, पर देश के मुसलमानों को लेकर स्वयं प्रधानमंत्री की सोच किंचित अलग दिखती है। उनके निर्देश पर अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय पूरी तरह से हरकत में है। नजमा हेपतुल्ला की विदाई और मुख्तार अब्बास नकवी के हाथों में विभाग की पूरी कमान सौंपने के बाद मोदी अपने कुछ ड्रीम प्रोजेक्ट को लेकर खासे उत्साहित नज़र आ रहे हैं। मसलन, मोदी का एक नायाब आइडिया देश भर में 1 हजार से ज्यादा ’सदभाव मंडप’ बनाने का है, ये मंडप अल्पसंख्यक बहुल इलाकों में बनने हैं, जिसमें एक कम्युनिटी सेंटर, लाइब्रेरी, स्किल डेवलपमेंट सेंटर के साथ इस बात की भी व्यवस्था रहेगी कि किसी प्राकृतिक आपदा या आपात स्थिति (सूखा, बाढ़, भूकंप या युद्ध) आने पर वहां स्थानीय लोग इकट्ठे भी हो सके और उनके ठहरने व खाने-पीने की वहां व्यवस्था भी हो सके। विभाग के मंत्री नकवी ने 100 से ज्यादा प्रोग्रेस पंचायत का ऐलान भी किया है, जिसके अंतर्गत अल्पसंख्यक बहुल रूरल क्षेत्रों में गर्ल्स हॉस्टल, नर्सिंग स्कूल आदि बनाए जाएंगे। इस योजना की शुरूआत 29 सितंबर से हरियाणा के मेवात इलाके में हो रही है, फिर यह कार्यक्रम 6 अक्टूबर को राजस्थान के अलवर में जा पहुंचेगा। दक्षिण भारतीय राज्यों को भी इस योजना से तेजी से जोड़ा जा रहा है, बकौल नकवी ’हम राज्यों के आने का इंतजार नहीं करेंगे, बल्कि मंत्रालय अपनी पहल से उनके पास जा पहुंचेगा।’ |
Feedback |