बीमार स्वास्थ्य मंत्रालय को मोदी ख़ुराक |
September 20 2015 |
गवर्नेंस को लेकर प्रधानमंत्री का रवैया अपने मंत्रियों के प्रति किंचित सख़्त हुआ है। बिहार चुनाव की आहटों और शोर -शराबे के बीच पिछले दिनों पीएम ने अपने कैबिनेट साथियों की क्लास ली और सरकार के पंद्रह-सोलह महीनों की उपलब्धियां गिनाने को कहा। लगभग सभी मंत्री पूरी तैयारी के साथ आए थे। अपना होम-वर्क भी दुरूस्त करके आए थे। जब बारी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्ढा की आई तो उन्होंने अपने मंत्रालय की 3 प्रमुख उपलब्धियां गिनाईं। उपलब्धि नंबर 1-उनका मंत्रालय ई-गवर्नेंस से पूरी तरह लैस हो गया है, 2- बच्चों को जन्म देते समय माताओं की ‘मातृत्व मृत्यु दर’ में कमी आई है और 3- दवाईयों की मार्किट में सप्लाई बेहतर हुई है। पर उपलब्धियों का यह बखान पीएम को प्रभावित नहीं कर पाया। संभवतः वे सुनना चाहते थे कि दिल्ली में डेंगू की भयावहता बेतरह पैर पसार रही है, ऐसे में दिल्ली के अस्पताल आम आदमी को लूटने में लगे हैं ़़ ़ ़ आदि-आदि। जब मोदी के इस ‘स्वगत कथन’ की नड्ढा थाह नहीं लगा पाए तो सूत्र बताते हैं कि प्रधानमंत्री ने अपने स्वास्थ्य मंत्री से पूछ ही लिया कि ‘आपके मंत्रालय ने मरीजों से जुड़े जनहितकारी कार्य क्या-क्या किए हैं, आप इस बारे में बात करो।’ जाहिर है इस बाबत मंत्रीजी के पास कहने को बहुत कुछ नहीं था, बाहर निकले तो साथी मंत्रियों ने जानना चाहा कि पीएम से क्या बात हुई? मंत्रीजी ने कहा अभी उनका नंबर नहीं आया है, पीएम फिर से बुलाएंगे। |
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