…और अंत में

July 31 2016


यूपी की बदलती बयार को लेकर स्वयं पीएम चिंता में बताए जा रहे हैं, दयाशंकर सिंह मामले के बाद पार्टी ने यूपी के हालात को समझने के लिए जो सर्वे करवाया है, उसके नतीजों ने पार्टी हाईकमान की पेशानियों पर बल ला दिए हैं। दयाशंकर मामले के बाद दलित और सवर्ण वोटों का विभाजन साफ दिखने लगा है। 2014 के इस लोकसभा चुनाव में यूपी में भाजपा को 35-37 फीसदी दलितों (गैर जाटव) के वोट मिले थे, इस सर्वेक्षण में यह आंकड़ा 7-9 प्रतिशत पर सिमट आया है। 14 के चुनाव में भाजपा को तकरीबन 80-85 फीसदी अगड़ों के वोट हासिल हुए थे, अब यह आंकड़ा 55 फीसदी पर सिमट आया है। सूत्र बताते हैं कि पीएम ने अपने विश्वासपात्र हनुमान शाह को कायदे से समझा दिया है कि वे यूपी चुनाव को पीएम या स्वयं की प्रतिष्ठा का सवाल न बनाएं, व रोज-बरोज यूपी में अपना कार्यक्रम लगाने से बचे और पीएम की सभाएं भी महीने डेढ़ महीने में एक बार लगाएं, बदलती फिज़ाओं की आहटें मोदी से बेहतर और कौन भांप सकता है?

 
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