महिमा महेश की |
February 23 2016 |
केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा भगवा सियासत के एक महत्त्वपूर्ण खिलाड़ी बन कर उभरे हैं, उनके इस हालिया अभ्युदय से यूपी के कद्दावर नेताओं में भी एक बैचेनी का आलम व्याप्त है। व्यवहार कुशल और मिलनसार महेश शर्मा के घर का दरवाजा यूपी वालों के लिए हमेषा खुला भी रहता है, चुनांचे स्थानीय नेताओं, उद्योगपतियों और मीडियाकर्मियों की मौजूदगी में शर्मा गाहे-बगाहे परोक्ष-अपरोक्ष तौर पर यह जताना भी नहीं भूलते हैं कि उनके तार किस मानिंद पीएम और पीएमओ से जुड़े हुए हैं। सियासी बाजीगरी में माहिर शर्मा इसके लिए कई स्वांग भी रच लेते हैं, जैसे लोगों की मौजूदगी में वे पीएमओ में फोन करके पूछ लेते हैं कि उन्हें कितने बजे पीएमओ आना है? यूपी के एक उद्योगपति ने यह ख़बर प्रदेश के सबसे कद्दावर भगवा नेता राजनाथ सिंह तक पहुंचा दी कि क्या इन दिनों शर्मा पीएम के सबसे करीबी व्यक्तियों में शुमार हो गए हैं? सूत्र बताते हैं कि जब राजनाथ से रहा न गया तो उन्होंने एक दिन इस बात की चर्चा सीधे पीएम से कर ली। सूत्र बताते हैं कि राजनाथ के मासूम सवाल पर मोदी ने हंसकर कहा-’ऐसी कोई बात नहीं है, चूंकि महेश शर्मा उनके संसदीय क्षेत्र वाराणसी का कार्यभार संभाल रहे हैं तो इस नाते उनका पीएमओ आना-जाना लगा रहता है, यह एक रूटीन कार्य है। मुझसे उनका मिलना कम ही हो पाता है। वे अपनी ’प्रोग्रेस रिपोर्ट’ हमारे अधिकारियों को देकर चले जाते हैं।’ पीएम ने राजनाथ को यह भी बताया कि पहले उन्होंने यह कार्य रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा को सौंपा था, पर वे शर्मा की तुलना में इतने व्यवहारकुशल नहीं है। ये बातें सुनने के बाद ही ठाकुर नेता की सांस में सांस आई। |
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