क्या है कोविंद का भय्यू जी कनेक्षन?

June 26 2017


भाजपा नेत्री सुषमा स्वराज राष्ट्रपति पद की रेस में सबसे आगे होते हुए भी मुकाबला चूक गईं और मोदी ने किंचित एक अनजाने से नाम रामनाथ कोविंद के नाम को हरी झंडी दिखा दी। चुनांचे 28 दलों के समर्थन के साथ एनडीए उम्मीदवार के तौर पर जब से कोविंद ने अपना पर्चा भरा तो एक तरह से उनकी जीत पक्की मानी जा रही है। पर क्या सिर्फ कोविंद का दलित होना ही उनकी योग्यता बन गया? क्या गुजरात के आसन्न विधानसभा चुनाव और वहां पनप रहे दलित आंदोलन को ठंडा करने की लिहाज से ही कोविंद का नाम आगे बढ़ाया गया? या इसके पीछे 2019 के आम चुनाव में देश भर के दलितों को भाजपा के पक्ष में लाने की मोदी-शाह द्वय की रणनीति है? सूत्रों की मानें तो कोविंद के नाम को सामने लाने और आगे बढ़ाने में इंदौर के एक आध्यात्मिक गुरु भय्यू जी महाराज की एक अहम भूमिका है। सनद रहे कि भय्यू जी के संघ व भाजपा के शीर्ष नेताओं से बेहद निजी ताल्लुकात हैं, मोदी से भी वे लंबे समय से जुड़े रहे हैं और माना जाता है कि मोदी ने ही भय्यू जी को गुजरात के सबरकांठा में संतनगरी बसाने का जिम्मा सौंपा हैं। सूत्रों की मानें तो इस सात अप्रैल को बिहार के गवर्नर रहते कोविंद भय्यू जी महाराज से मिलने इंदौर पहुंचे थे और भय्यू जी के निवास पर इन दोनों के बीच एक लंबी मंत्रणा चली थी, समझा जाता है कि इसके बाद ही भय्यू जी ने भाजपा व संघ के शीर्ष नेतृत्व से कोविंद की उम्मीदवारी को लेकर बातचीत की। और तब से ही कोविंद की गाड़ी चल निकली।

 
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