…और अंत में |
April 07 2021 |
कांग्रेस असंतुष्टों का ’जी-23 ग्रुप’ अब टूट कर महज़ ’जी-7’ रह गया है, जिसकी अगुवाई गुलाम नबी आजाद के हाथों में है, आजाद का हालिया रिकार्ड बयां कर रहा है कि वे कभी भी भाजपा के पाले में जा सकते हैं। चिट्ठी पर साईन करने वाले अधिकांश नेताओं मसलन शशि थरूर, जितिन प्रसाद, वीरप्पा मोइली आदि को पार्टी ने पहले ही अहम जिम्मेदारियां सौंप दी हैं। कपिल सिब्बल अपनी राज्यसभा के लिए महज़ कांग्रेस के भरोसे नहीं हैं, राजद के तेजस्वी से उनके बहुत अच्छे ताल्लुकात हैं। गुलाब नबी आजाद और आनंद शर्मा जैसे नेताओं को राहुल गांधी दुबारा राज्यसभा में भेजने के पक्षधर नहीं है, शर्मा की राज्यसभा अभी बची हुई है। इसे देखते हुए जी-7 के दो अन्य नेता मनीष तिवारी और भूपेंद्र सिंह हुड्डा अभी से राहुल की ठकुरसुहाती में जुट गए हैं, हैरानी नहीं होनी चाहिए जब आने वाले दिनों में वे फिर से राहुल गांधी की तारीफों के पुल बांधते नज़र आएं। |
Feedback |