फ्री-राशन का शासन

January 08 2023


2024 के लोकसभा चुनावों के लिए भाजपा के तरकश में अभी से कई अचूक तीर हैं, मसलन हिंदुत्व का उबाल, समान नागरिक संहिता, राम मंदिर आदि-आदि, पर यूपी चुनाव समेत पिछले कुछ चुनावों में भाजपा का सबसे कामयाब ब्रह्मास्त्र रहा है गरीबों को ’मुफ्त राशन’। स्वयं पीएम मोदी का मानना है कि ’केवल खाने का फोटो दिखा कर गरीबों का पेट नहीं भरा जा सकता है, पेट भरने के लिए उन्हें राशन मुहैया कराना जरूरी है।’ सरकार को मिली खुफिया रिपोर्ट भी इस बात की ओर इशारा करती है कि पीएम मोदी की लोकप्रियता में चार चांद लगाने का काम गरीबों को मिल रहे ’मुफ्त अनाज स्कीम’ ने किया है। पीएमओ से जुड़े एक करीबी सूत्र का दावा है कि पीएम यह बात अपने कोर ग्रुप से कई मौकों पर कह चुके हैं कि ’अगर भारत सरकार का कुल बजट 40 लाख करोड़ के आसपास का है तो अगर इसमें से 2 लाख करोड़ गरीब जनता को मुफ्त राशन देने में निकल भी जाता है तो इसमें बुराई क्या है? आखिर हम हैं तो एक ‘वेलफेयर स्टेट’, कोई भूखे पेट न सोए यह हमारी जिम्मेदारी है।’ सो, ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि 81 करोड़ 35 लाख गरीब भारतीयों को मुफ्त राशन देने का कार्यक्रम कम से कम 2024 चुनाव तक तो चलता ही रहेगा, अर्थशास्त्रीगण चाहे इस पर अपना कितना भी सिर फोड़ लें।

 
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