’पुराने रिश्तों को यूं संभाले हुए दूर से भागता चला आया था मैं
अपनी महफिल में बुला कर यूं रूठ जाना तेरा न संभाला गया मुझसे’
कांग्रेस के नवनिर्वाचित अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के शपथ ग्रहण समारोह में किंचित अफरा-तफरी का माहौल रहा, इसकी शुरूआत आमंत्रण कार्ड के वितरण में हुई गड़बड़ी के साथ हो गई थी। यह तय हुआ था कि शपथ-ग्रहण का न्यौता पूर्व केंद्रीय मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों, पूर्व मुख्यमंत्री गण, प्रदेश अध्यक्ष, सांसद, पार्टी के प्रदेश और कार्यकारी अध्यक्ष, विधानमंडल नेता गण आदि को भेजा जाएगा। इस कार्ययोजना को अमल में लाया गया, पर पार्टी के कई महत्वपूर्ण नेताओं को आमंत्रण कार्ड की तलाश में कांग्रेस दफ्तर में हैरां-परेशां देखा गया। कईयों के नाम लिस्ट में थे पर उन्हें कार्ड नहीं मिल पा रहा था, सो पहले उन्हें कैंटीन के साथ लगे कंट्रोल रुम में भेजा गया, वहां उन्हें निराशा हाथ लगी तो उनसे कहा गया कि वे 17 नंबर कमरे में जाएं, 17 नंबर वालों ने उन्हें 15 गुरूद्वारा रकाबगंज स्थित वॉर रुम में भेज दिया। आमंत्रण कार्ड का जिम्मा मनीष चतरथ संभाल रहे थे, जो स्वर्गीय अहमद पटेल के बेहद करीबियों में शुमार होते थे, वे पटेल ही थे जिन्होंने चतरथ को वर्किंग कमेटी तक पहुंचा दिया। भले ही आमंत्रण कार्ड के लिए इतनी मारा-मारी थी, पर शपथ ग्रहण समारोह के दौरान पीछे कुर्सियां खाली दिख रही थीं। कई बड़े नेताओं ने तो आने की जहमत ही नहीं उठाई, जैसे मध्य प्रदेश के तीन बड़े नेता गण यानी कमलनाथ, दिग्विजय सिंह और नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह की गैर मौजूदगी से भी कई सवाल उठे। प्रेस दीर्घा के पीछे की काफी कुर्सियां खाली थीं, इसे देखते हुए बाहर खड़े लोगों को धीरे-धीरे अंदर बुलाया गया ताकि समारोह में भीड़ दिख सके।