प्रियंका की साफगोई |
February 27 2022 |
प्रियंका गांधी एक नए किस्म की राजनीति करती हैं, कई बार जो उनके दिल में होता है, वही बात उनकी जुबां पर भी आ जाती है। जैसे पिछले दिनों लखनऊ में एक पत्रकार ने उनसे पूछ लिया कि ’क्या कांग्रेस का अपना सूचना तंत्र इतना जर्जर है कि पार्टी के बड़े नेता कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो जाते हैं पर हाईकमान को इसकी भनक भी नहीं लगती?’ प्रियंका ने कहा ’ये राजनीति है लोग आएंगे, जाएंगे। पर उन्हें दो लोगों से काफी नाराज़गी है, एक तो माधव राव जी के बेटे पर जिन्होंने भाजपा में जाने के लिए मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार गिरा दी। आरपीएन के बारे में उन्हें पहले से पता था कि वे भाजपा के हाथों में खेल रहे हैं, उनके एक खासमखास सोरेन सरकार में मंत्री बन्ना गुप्ता के साथ मिल कर वे झारखंड में कांग्रेस समर्थित सरकार को अस्थिर करने का प्रयास कर रहे थे। इन दोनों ने कोई दर्जन भर कांग्रेसी विधायकों से संपर्क साध उन्हें भाजपा में आने के लिए कहा। जब मुझे इस बात का पता चला तो मैंने आरपीएन से स्वयं बात की, और उनसे पूछा कि ’क्या वे भाजपा में जाना चाहते हैं?’ तो आरपीएन ने साफ मना कर दिया। यहां तक कि आरपीएन की माताश्री ने भी मेरी मां को फोन कर सफाई दी और इस बात को गलत बताया कि उनका बेटा भाजपा में जा रहा है, यह उनके भाजपा ज्वाॅइन करने से एक सप्ताह पहले की बात है। इसके तीन दिन बाद उन्होंने एआईसीसी दफ्तर में चार बार फोन कर कहा कि उनका हवाई जहाज का किराया आदि के मद में पार्टी पर 1 लाख 10 हजार रुपए बकाया हैं। सो, इसे तुरंत क्लीयर किया जाए। जब यह बात मेरे संज्ञान में आई तो मैंने अकाऊंट वालों से तुरंत उनका हिसाब क्लीयर करने को कहा। क्योंकि मैं जानती थी कि ’अब वे रुकने वाले नहीं हैं। प्रियंका ने यह भी बताया कि जब उन्हें इस बात की जानकारी मिली थी कि आरपीएन तीन बार पीयूष गोयल से मिल चुके हैं तो ‘मैंने उनसे पूछा कि यह माजरा क्या है?’ तो उन्होंने बताया कि ’पीयूष गोयल से उनकी पुरानी दोस्ती है, इस नाते वे उनसे मिलने गए थे।’ इसी दौरान ‘राहुल जी के पास वह रिकार्डिंग भी आ गई जिसमें आरपीएन कांग्रेस के विधायकों से भाजपा में जाने की बात कर रहे थे, तब ही हमने इसे एक समाप्त अध्याय मान लिया।’ |
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