जाट की आस में भाजपा |
June 06 2021 |
कहते हैं दूध का जला छाछ भी फूंक-फूंक कर पीता है, यूपी के इन पंचायत चुनावों के नतीजों में जिस प्रकार भाजपा को मुंह की खानी पड़ी है और पार्टी को इस बात का कहीं गहरे इल्म हुआ है कि ’पश्चिमी यूपी में जाटों ने मुसलमानों के साथ मिल कर भाजपा को हराने के लिए वोट दिया है।’ तो इस 15 जून से आहूत जिला पंचायतों के अध्यक्ष के चुनाव में भाजपा ने वेस्टर्न यूपी में थोकभाव में जाट उम्मीदवार उतारे हैं, शामली और बागपत तो रिजर्व सीट है, इन्हें छोड़ कर बस अमरोहा और हापुड़ में सिर्फ गुर्जर उम्मीदवार उतारे गए हैं, जबकि गुर्जर यह उम्मीद कर रहे थे कि ’कम से कम गौतमबुद्ध नगर यानी नोएडा में तो उनकी जाति के उम्मीदवार को चांस मिलेगा,’ पर गौतमबुद्ध नगर क्या, भाजपा ने मेरठ, बुलंदशहर, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, सहारनपुर और मुरादाबाद जिले भी जाटों के हवाले कर दिया है। वहीं विपक्षियों की रणनीति है कि भाजपा उम्मीदवार को टक्कर देने के लिए संयुक्त विपक्ष मिल कर अपना एक उम्मीदवार उतारेगा। यानी बड़ी मुश्किल है डगर पनघट की। |
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