चाचा-भतीजा में कौन है सवा सेर? |
July 11 2023 |
महाराष्ट्र में इन दिनों चाचा शरद पवार और भतीजे अजित पवार के बीच तलवारें कुछ इस कदर तनी हैं कि दोनों में से कोई भी इसे वापिस म्यान में रखने को राजी नहीं। इस द्वंद युद्ध की पटकथा मुंबई में उस वक्त लिख दी गई थी जब एनसीपी के 25वें स्थापना दिवस को लेकर शरद पवार के घर एक मीटिंग चल रही थी। दरअसल इस विवाद की शुरूआत तब हो गई थी जब भोपाल की एक जनसभा में पीएम मोदी ने बड़े पवार का नाम लेकर 70 हजार करोड़ के घोटाले का जिक्र अपने भाषण में किया था। पीएम का यह भाषण एनसीपी के शीर्ष नेताओं की नींद उड़ाने के लिए काफी था। इस 25वें स्थापना दिवस के मौके पर प्रफुल्ल पटेल ने महाराष्ट्र के अखबारों में एक पूरे पेज का विज्ञापन देकर उसमें शरद पवार के सानिध्य और मार्गदर्शन का बखान किया था। कहते हैं स्थापना दिवस की मीटिंग के ही रोज अजित पवार और प्रफुल्ल पटेल ने शरद पवार के समक्ष अपना दुखड़ा रोया और कहा कि हमारी पार्टी के तीन बड़े नेता अनिल देशमुख, छगन भुजबल और नवाब मलिक पहले ही जेल जा चुके हैं, अब जेल जाने की हमारी बारी हो सकती है। फिर तय हुआ कि अगर एकनाथ शिंदे अपने अन्य 16 विधायकों के साथ अयोग्य घोषित किए जाते हैं तो बड़ी पार्टी होने के नाते सीएम पद पर एनसीपी का दावा हो सकता है और वह राज्य में भाजपा के साथ मिल कर सरकार बना सकती है। कहते हैं इस मीटिंग में यह भी तय हुआ कि लोकसभा की महाराष्ट्र की 48 सीटों पर भाजपा व एनसीपी का दावा आधा-आधा होगा। इस फार्मूले में सुप्रिया सुले को केंद्र की मोदी सरकार में मंत्री बनाने की बात भी शामिल थी। सूत्र यह भी बताते हैं कि जब अजित पवार ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली तो 11 विधायक बड़े पवार से मिलने आए तो शरद ने उन्हें अजित के साथ जाने को कहा। सो, राजनैतिक पर्यवेक्षक हैरत में है कि ’चाचा-भतीजा की यह लड़ाई वाकई असली है या दोनों स्वांग रच रहे हैं।’ |
Feedback |