क्यों सुलग रहा है मणिपुर?

July 11 2023


मणिपुर में राज्य हाई कोर्ट के 3 मई के उस फैसले के बाद वहां बवाल मचा हुआ है, जिस आदेश में राज्य की गैर जनजाति मैतेई समुदाय को जनजाति में शामिल करने की बात कही गई थी। मैतेई समुदाय का राज्य की कुल आबादी में 64 फीसदी की हिस्सेदारी है, राज्य के 60 में से 40 विधायक मैतई समुदाय से ताल्लुक रखते हैं, मैतेई समुदाय का एक बड़ा हिस्सा हिंदू धर्मावलंबी है। जबकि राज्य की अन्य दोनों प्रमुख जनजातियां यानी कुकी और नगा ईसाई धर्म को मानने वाले हैं। राज्य के मौजूदा मुख्यमंत्री नोंगथोंबन बीरेन सिंह भी इसी बहुसंख्यक मैतेई जाति से आते हैं। मैतेई आम तौर पर घाटी में बसे हुए हैं और कुकी पहाड़ों पर। कुकी समुदाय बड़े पैमाने पर अफीम की खेती से भी जुड़े हैं। मैतेई के पास राज्य की केवल 8 फीसदी भूमि है और मौजूदा कानून के मुताबिक उन्हें पहाड़ों पर जमीन खरीदने की इजाजत नहीं है, पर एक बार अगर वे जनजाति में शुमार हो जाते हैं तो वे भी आसानी से पहाड़ों पर जमीन खरीद पाएंगे। बदलते दौर के साथ मणिपुर ड्रग्स की स्मगलिंग के एक बड़े अड्डे के रूप में विकसित होता गया है, सूत्रों का दावा है कि यहां से ड्रग्स देशभर में सप्लाई होती है। मणिपुर पिछले दो महीनों से सुलग रहा है, ऐसे में यहां से बड़े पैमाने पर कुकी जनजाति का पलायन हुआ है, या तो वे पहाड़ों पर चले गए हैं, या फिर असम जैसे राज्यों में शिफ्ट हो गए हैं। गृह मंत्री अमित शाह के दौरे के बाद भी जब यहां के हालात नहीं सुधरे तो केंद्र सरकार ने अब यहां राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवल को सक्रिय कर दिया है, केंद्र को उम्मीद है कि डोवल यहां के हालात कुछ दिनों में सामान्य कर देने की क्षमता रखते हैं।

 
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