कांग्रेसी क्षत्रपों का पार्टी शीर्ष से मोल-तोल |
April 24 2022 |
ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि कर्नाटक के विधानसभा चुनाव समय से पूर्व हो सकते हैं। वैसे तो कर्नाटक के विधानसभा चुनाव मई 2023 में होने हैं, पर भाजपा की योजना कर्नाटक के चुनाव गुजरात चुनावों के साथ इस दिसंबर माह में कराने की है। पांच में से चार राज्यों में भगवा पताका लहराने के बाद भाजपा और संघ के हौसले बम-बम हैं और पार्टी को कहीं न कहीं ऐसा भी लगता है कि हिजाब के मुद्दे पर राज्य में तेजी से हिंदू वोटों का ध्रुवीकरण हुआ है, माहौल भाजपा के पक्ष में बना है सो, इस मौके को गंवाना नहीं चाहिए। मामले की नज़ाकत को भांपते हुए कर्नाटक कांग्रेस के एक कद्दावर नेता डीके शिवकुमार पिछले दिनों राहुल और प्रियंका गांधी से मिले। सूत्र बताते हैं कि इन दोनों नेताओं के समक्ष शिवकुमार ने प्रस्ताव रखा है कि ’अगर उन्हें कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस अपना सीएम फेस ‘डिक्लेयर’ करती है तो वे विधानसभा चुनाव में पार्टी का सारा चुनावी खर्च उठाने को तैयार है।’ राहुल-प्रियंका ने उनके इस प्रस्ताव पर अभी हामी नहीं भरी है। दिलचस्प है कि इसी तर्ज पर गुजरात के आसन्न विधानसभा चुनावों को मद्देनज़र रखते चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने भी कुछ ऐसा ही प्रस्ताव राहुल-प्रियंका के समक्ष रखा है। पीके दोनों भाई-बहन से मिलने जब पहुंचे तो उनके साथ लेहुआ पाटीदार समुदाय के एक बड़े नेता और व्यवसायी नरेश पटेल भी थे। समझा जाता है कि पीके का प्रस्ताव भी कमोबेश डीके शिवकुमार वाला ही था, कि अगर नरेश पटेल को कांग्रेस गुजरात चुनाव में अपना सीएम फेस घोषित कर दे तो यहां भी पार्टी का सारा खर्च पटेल उठा लेंगे। प्रियंका ने चुटकी लेते हुए पीके से कहा-’गुजरात चुनाव में तो अभी देर है, पहले पार्टी के केंद्रीय कोष की ही कुछ मदद हो जाए।’ पीके ने भी मजाक-मजाक में प्रियंका से कह दिया-’हम तो आपको दीदी बुलाते थे, पर यह आइडिया तो ’बहिनजी’ (मायावती) का लग रहा है।’ |
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