| कयास ये भी हैं |
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September 09 2023 |
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कयास यह भी लगाए जा रहे हैं कि 18 से 22 सितंबर तक आहूत होने वाले संसद के विशेष सत्र में सरकार के एजेंडे पर तीन प्रमुख बिल हैं। एक तो ’वन नेशन, वन इलेक्शन’ को लेकर बिल लाया जा सकता है, केंद्र सरकार से जुड़े सूत्र यह भी बताते हैं कि सरकार की ‘समान नागरिक संहिता’ और ‘महिला आरक्षण’ पर भी विधेयक लाने की पूरी तैयारी है। अब तक संसद पुराने संसद भवन से ही चल रही है, जबकि नए बने संसद भवन में लोकसभा के 888 और राज्यसभा के 384 सांसदों के बैठ सकने की क्षमता है। 2026 के बाद नई जनगणना के आधार पर सीटों का नया परिसीमन आकार पा सकता है। 1973 में जब आखिरी बार लोकसभा का परिसीमन किया गया था तब देश की आबादी 54.80 करोड़ थी यानी एक लोकसभा सांसद पर लगभग 10 लाख लोगों के प्रतिनिधित्व का जिम्मा था, आज देश की जनसंख्या बढ़ कर 143 करोड़ के आसपास पहुंच गई है, यानी एक सांसद पर लगभग 25 लाख लोगों के प्रतिनिधत्व का जिम्मा आ गया है। नए परिसीमन में उत्तर व दक्षिण के राज्यों का मसला भी फंसेगा, क्योंकि दक्षिण की तुलना में उत्तर भारतीय राज्यों की आबादी तेजी से बढ़ी है, यानी कि आबादी के हिसाब से उत्तर के राज्यों की लोकसभा सीटें बढ़ेंगी और उस अनुपात में दक्षिण में सीटें घटेंगी, इस बात का अभी से दक्षिण के राज्य विरोध कर रहे हैं। आखिरी परिसीमन 2002 में शुरू होकर 2008 तक चला था। सो, अभी से यह कयास लगाए जा रहे हैं कि अगर संसद में ’महिला आरक्षण विधेयक’ पारित हो जाता है तो नए परिसीमन में महिला प्रतिनिधित्व को ध्यान में रख कर परिसीमन में नई सीटों का गठन होगा। संघ से जुड़े सूत्रों का दावा है कि 22 जनवरी से एक सप्ताह तक चलने वाले राम मंदिर उद्घाटन समारोह का असर बस यूपी तक सीमित रह सकता है इसे देखते हुए ही भाजपा नेतृत्व अन्य बड़े विकल्पों की तलाश में जुटा है। |
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