’सितारों से गुफ्तगू मेरी इस कदर होती है
तेरी किस्मत की सबसे पहले खबर होती है’
भारत की एक शीर्ष खुफिया एजेंसी को अपने जीवन के बेहतरीन सत्ताईस साल देने के बाद एक दिन इस शख्स को ऐसा लगा कि ग्रह-नक्षत्रों से उनका तारतम्य, उनकी बोलचाल इस कदर हो गयी कि अब नौकरी उनके इस प्रेम में आड़े आ रही है, तो वे अपनी जमी-जमायी नौकरी से वीआरएस लेकर ज्योतिषीय गणना के कार्य में जुट गए। राहु की दशा को अपनी गणना का आधार बना कर गुड़गांव के इस ज्योतिषी ने 19 फरवरी 2019 को ही यह भविष्यवाणी कर दी थी कि 2020 आते-आते दुनिया एक रहस्यमयी बीमारी की चपेट में आ जाएगी यह बीमारी आगे चल कर एक महामारी का रूप ले सकती है। अब जाकर पक्के तौर पर यमझा जा सकता है तब ज्योतिषी हसीजा कोरोना के खतरे के बारे में ही चेता रहे थे। राजेश हसीजा ज्योतिष शास्त्र को एक विज्ञान मानते हैं और कहते हैं कि भारत में बस इसे एक कानूनी मान्यता प्राप्त नहीं है। हसीजा की माने तो पीके के रूप में राहुल को उनका अहमद पटेल मिल गया है। राहुल गांधी की जन्मकुंडली को खंगालने के बाद इस ज्योतिषी का कहना है कि अभी राहुल की राहु की महादशा में राहु की अंतर्दशा चल रही है, जो इस दिसंबर तक चलेगी। इसके बाद मई 2024 तक राहुल की बृहस्पति की अंतर्दशा रहेगी जो उनकी कुंडली में पराक्रम को दर्शाता है। इनका दावा है कि आने वाले दिनों में राहुल विपक्ष के एक भारी-भरकम नेता के तौर पर उभरेंगे और वे विपक्ष की एक महत्वपूर्ण धुरी के तौर पर कार्य करेंगे। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बारे में ज्योतिष महोदय की भविष्यवाणी है कि वे लंबे समय तक बंगाल की मुख्यमंत्री बनी रहेंगी पर उनकी कुंडली में पीएम बनने का योग नहीं है। भाजपा के एक प्रमुख नेता और पीलीभीत के सांसद वरूण गांधी के बारे में उनकी भविष्यवाणी है कि वरूण पूरे दम-खम के साथ वापसी करेंगे और उन्हें उनकी सियासी प्रतिभा का इनाम भी मिलने वाला है, इस वर्ष 23 सितंबर के आस-पास उनको पार्टी की ओर से कोई बड़ा पद ऑफर हो सकता है। देश की कुंडली को लेकर राजेश हसीजा को किंचित चिंता है, इनके मुताबिक भारत का लग्न आरोही वृष राशि में 7 डिग्री पर आगे बढ़ रहा है, अक्टूबर के बाद जब राहू और केतु दोनों ही 7 डिग्री पर स्थिर हो जाएंगे तो इसका दुष्प्रभाव नवंबर के तीसरे सप्ताह से दिखने लगेगा, क्योंकि राहु भारत के लग्न में भी विराजमान हैं। इसका अर्थ है चहुंओर वित्तीय अराजकता, बाजार धड़ाम से गिरेगा और कुछ ऐसा गिरेगा कि लोग हैरान रह जाएंगे। बड़े अरबपतियों और करोड़पतियों पर भी संकट के बादल मंडराने लगेंगे। वित्तीय घोटालों की नयी अनुगूंज सुनाई देगी, व्यापारिक घरानों के बीच नए ’कॉरपोरेट वॉर’ का आगाज़ मुमकिन है, हमारी लड़खड़ाती इकोनॉमी को कोरोना की तीसरी लहर डंसने को तैयार बैठी होगी। राजेश हसीजा चेतावनी भरे लफ्ज़ों में कहते हैं कि ‘अक्टूबर के अंत और नवंबर माह में तमाम जरूरी सावधानियां बरतने को तैयार रहें, क्योंकि हम चौकसी रख कर ही दुश्मन को हरा सकते हैं।’