गडकरी और प्रोजेक्ट 1 लाख करोड़

November 10 2014


सियासत के माहिर खिलाड़ी नितिन गडकरी दीवार पर लिखी इबारत कहीं पहले पढ़ लेने में माहिर है, चुनांचे आज होने वाले मोदी मंत्रिमंडल में फेरबदल की आहटें उन्हें कहीं पहले लग गई थी और उन्हें इस बात का भी बखूबी इल्म हो गया था कि जिस रक्षा मंत्रालय पर उनकी नार है, मोदी वहां किसी निर्विवाद छवि के नेता को लाना चाहते हैं, मनोहर पर्रिकर का चुनाव सिर्फ व सिर्फ मोदी का था। सो गडकरी ने काफी पहले से अपना ध्यान शिपिंग व परिवहन पर टिका लिया था, ग्रामीण विकास मंत्रालय में वे कम ही दिलचस्पी दिखा रहे थे। सो गडकरी का इन दिनों सारा ध्यान सेतु समुद्रम प्रोजेक्ट पर टिक आया है। एक लाख करोड़ से भी ज्यादा रकम वाले इस प्रोजेक्ट को हवा देकर गडकरी ने पार्टी में भी अपने लिए कुछ नए विरोधी तैयार कर लिए हैं, जिनका साफ तौर पर मानना है कि यह प्रोजेक्ट पर्यावरण के लिए खतरा साबित हो सकता है और अगर मालवाहक जहाजों के आवागमन के लिए वैकल्पिक मार्ग को और चौड़ा बनाने की चेष्टा हुई तो इससे श्रीलंका के समुद्र में समाने का खतरा बढ़ सकता है। जबकि गडकरी जोर देकर कह रहे हैं कि ‘वे एक ऐसा मार्ग तैयार करवाएंगे जिससे सेतु समुद्रम के मौजूदा स्वरूप को कोई खतरा नहीं होगा, राम सेतु जस का तस बना रहेगा।’ सनद रहे कि भारत व श्रीलंका के बीच इस प्रोजेक्ट को 2005 में तत्कालीन यूपीए सरकार ने शुरू किया था, तमाम सियासी हंगामों के बीच 2007 में सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी थी, यूपीए सरकार इसे 30 मीटर चौड़ा, 12 मीटर गहरा, तथा 167 किलोमीटर लंबा बनाने का प्रस्ताव लेकर आई थी, जिसका भाजपा समेत अनेक पर्यावरणविदों ने जमकर विरोध किया था और कहा था इस प्रोजेक्ट से समुद्री जीवन और पड़ोसी मुल्क श्रीलंका को खतरा है। गडकरी जैसे राजनेताओं से यह उम्मीद करनी चाहिए कि वे अतीत की गलतियों से जरूर सबक लेंगे।

 
Feedback
 
Download
GossipGuru App
Now!!