राष्ट्रपति भवन की कॉफी |
November 05 2012 |
मुल्क़ के महामहिम प्रणब दा भले ही इन दिनों सबसे ऊंचे संवैधानिक पद पर आसीन हो कर रायसीना हिल्स की शोभा बढ़ा रहे हों पर उनके बारे में अब भी कहीं शिद्दत से माना जाता है कि कांग्रेस में उनसे ज्यादा पॉलिटिकल और कोई दूजा नहीं था। चुनांचे एक ओर जहां दादा की अतिरिक्त राजनीतिक महत्वाकांक्षाएं हिलोरे मारने लगती हैं तो यदा-कदा अपने दिल की बात शेयर करने के लिए वे अहमद पटेल, नारायणसामी और राजीव शुक्ल को अपने यहां रात की कॉफी पर बुला ही लेते हैं और देश के सियासी हालात से अपडेट भी हो जाते हैं। |
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