सुदर्शन के विजन पर काम करती भाजपा |
June 20 2020 |
ऐसे माकूल समय में जब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की उम्मीदें उफान पर है, तो वे अपने विचार शिल्पी के एस सुदर्शन का जन्मदिन बेहद धूमधाम से मना रहे हैं। यूं तो सुदर्शन की जन्मतिथि 18 जून की है पर हिंदू कैलेंडर की मान्यताओं के अनुसार संघ इसे इस बार 6 जून को सेलिब्रेट कर रहा है। सुदर्शन हमेशा से विकास के स्वदेशी मॉडल के पक्षधर रहे हैं और उन्होंने अपनी जीवन यात्रा में सदैव ‘वेस्टर्न मॉडल और इकोनोमिक डेवलपमेंट’ का विरोध किया था। उनके कार्यकाल में ही संघ का एक अनुसांगिक संगठन स्वदेशी जागरण मंच ने भी नई ऊंचाइयां हासिल की थी। ग्लोबलाइजेशन के विरोधी माने जाने वाले सुदर्शन ने ही पहले पहल आत्मनिर्भर भारत का नारा दिया था। नार्थईस्ट के विकास पर भी उनका खास जोर था और उन्होंने नागरिकता संशोधन कानून की भी सर्वप्रथम वकालत की थी। सो, इस दफे जब पीएम मोदी ने रेडियो पर मन की बात की तो उन्होंने भी आत्मनिर्भर होने की अवधारणा पर बल दिया। पीएम ने साफ किया कि वे मैन्यूफैक्चरिंग हब को गांव-गांव तक ले जाना चाहते हैं और वे ग्रामीण इलाकों में रोजगार की नई संभावनाओं के द्वार खोलना चाहते हैं। पीएम का यह आग्रह इन मायनों में भी महत्वपूर्ण थे कि उनका मानना था कि जो प्रवासी मजदूर अपने घर लौट आए हैं अब उन्हें काम की तलाश में वापिस जाने की जरूरत नहीं है, उन्हें उनके गांव-घर के आसपास ही अब रोजगार मिल पाएगा। पीएम के इस आइडिया पर माइग्रेशन कमीशन ने काम करना शुरू कर दिया है, जिस कमीशन को आने वाले दिनों में आकार मिलना है। |
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