क्योंकि जीवन एक उत्सव है!

June 21 2015


शुक्र है हमारा राजा जीत कर आया है, चुन कर आया है और करने है उसे कई बड़े-बड़े काम, थपकी देते ढोल की थापों पर नाचते-गाते उत्सव मनाते, नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तो उन्होंने अपने गृह राय गुजरात में उत्सवों की ऐसी परंपराओं का श्रीगणेश किया था कि गुजरात में साल भर में कोई 150 उत्सव मना लिए जाते थे, मोदी जी ने जब दिल्ली की ठौर पकड़ी तो ऐसे आयोजनों के सिलसिले की डोर दिल्ली से जुड़ गई। चुनांचे बात-बेबात उत्सवों, समारोहों-जलसों की धूम मची रहती है। ऐसे उत्सवों की निगरानी के लिए बकायदा मंत्रियों की कमेटी गठित कर दी गई है, इस कमेटी में वेंकैया नायडू, अनंत कुमार, रविशंकर प्रसाद, स्मृति जुबिन ईरानी जैसे मंत्री शामिल हैं, जिनका कार्य सफलतापूर्वक इन उत्सवों को संपन्न कराने का है। बकायदा सांसदों-मंत्रियों की डयूटी लगाई जाती है, उन्हें अहम जिम्मेदारियां सौंपी जाती है और समय-समय पर कमेटी अपने मंत्रियों से जवाब तलबी करती है। जैसे 21 जून के योग दिवस को धूमधड़ाके से मनाने के लिए सांसदों को उनके संबंधित निर्वाचन क्षेत्रों में भेजा गया, मंत्रियों को अहम जिले सौंपे गए, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज न्यूयॉर्क जा पहुंची और स्वयं प्रधानमंत्री ने इंडिया गेट पहुंच कर योग के लिए संभावनाओं के नए द्वार खोल दिए।

 
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