अतीत होते अमर |
January 25 2016 |
पिछले दिनों प्रधानमंत्री आवास पर ज़ी के सुभाष चंद्रा की आत्मकथा के विमोचन का मौका था। इस अवसर पर कई नामचीन हस्तियां 7 रेसकोर्स पर जुटी थी। आमंत्रण अमर सिंह को भी था, और मुलायम सिंह को भी। सो दोनों साथ-साथ इस कार्यक्रम में तशरीफ लाए। मुलायम बगैर भटके पते की बात कर गए, समारोह में प्रधानमंत्री कम से कम दो मौकों पर बात करने मुलायम के पास जा पहुंचे, पर अमर सिंह को उन्होंने कोई भाव नहीं दिया, जबकि वे मुलायम के ही बगलगीर थे। तब लोगों को इस बात का इल्म हुआ कि अमर सिंह के अरूण जेटली और अमित षाह से इतने प्रगाढ़ रिश्तों के बावजूद भगवा पार्टी ने उनके लिए अपने द्वार नहीं खोले? |
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