भगवा अगन में मगन हैं जगन

February 26 2018


चंद्रबाबू और भाजपा के दरम्यान जब से रिश्तों में तल्खी आनी शुरू हुई है, जगन मोहन रेड्डी के तो जैसे अच्छे दिन आ गए हैं। सूत्र बताते हैं कि आयकर व ईडी के झमेलों में बेतरह उलझे जगन ने अपने एक खास वफादार के माध्यम से भगवा सिरमौर अमित शाह को संदेशा भिजवाया कि वे उनसे मिलना चाहते हैं। वैसे भी चंद्रबाबू पर अंकुश रखने के लिहाज से जगन का भाजपा के नजदीक दिखना किंचित जरूरी है। सो, इन दोनों के बीच पॉवर पैक्ड मुलाकात हुई। सूत्रों की मानें तो जब जगन सियासत के शाह से मिले तो उन्होंने गुहार लगाई कि सरकारी एजेंसियों से कुछ राहत तो दिलवाइए। मुलाकात खत्म हुई और जगन की अंतहीन मुश्किलों का दौर भी। क्या मज़ाल जो कोई सरकारी पूछताछ वाले जगन के आसपास भी कदमताल करते दिखे, कहना न होगा कि जगन मोहन को एक फौरी राहत मिल गई। पर सवाल लाख टके का है कि इन दोनों नेताओं के बीच डील क्या हुई? सूत्रों की मानें तो जगन ने शाह के समक्ष साफ कर दिया कि उनकी पार्टी का भाजपा के साथ चुनाव-पूर्व गठबंधन (प्री-पोल-एलायंस) नहीं हो सकता, क्योंकि इससे जगन के कोर वोट बैंक मुस्लिम और ईसाई उनसे छिटक सकते हैं, सो जगन ने कथित तौर पर भाजपा सिरमौर को यह आश्वासन दिया है कि वे भाजपा से पोस्ट पोल एलायंस के लिए तैयार हैं, पर इसके लिए उनकी एक शर्त है कि भाजपा को चंद्रबाबू नायडू से अपना चुनावी गठबंधन तोड़ना होगा। सियासत के माहिर खिलाड़ी शाह जानते हैं कि 19 के चुनाव में मोदी के लिए एक-एक सीट कितनी महत्वपूर्ण हो जाएगी, लिहाजा वे चाहते हैं कि जगन व नायडू दोनों ही भगवा रंग में रंगे रहें तो भाजपा की पांचों अंगुलियां घी में रहेंगी।

 
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