Posted on 19 June 2023 by admin
’सिर्फ तेरा ही एक चेहरा मेरे तसव्वुर से झांकता रहा है,
मेरे ही चिल्मन में रहकर मुझको मुझी से मांगता रहा है’
विपक्षी एका का एक नया मैराथन शुरू हो गया है, जिसके शिल्पकार बने हैं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार। 23 जून को पटना में विपक्षी एका की पहली बैठक आहूत है, जिसमें कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे दोनों बड़े नेता शाामिल हो सकते हैं। इसके अलावा इस बैठक में ‘शामिल होने के लिए ममता बनर्जी, ‘शरद पवार, अखिलेश यादव, हेमंत सोरेन और एम के स्टालिन जैसे बड़े विपक्षी नेताओं ने भी हामी भर दी है। बस दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और तेलांगना के सीएम केसीआर का पेंच अभी भी फंसा हुआ है। दरअसल, इसके पीछे कांग्रेस है जो नहीं चाहती कि वो इन दोनों नेताओं के साथ एक मंच पर दिखे। आने वाले कुछ महीनों में तेलांगना में भी विधानसभा के चुनाव होने हैं, ऐसे में कांग्रेस को डर है कि वह केसीआर के साथ साझा मंच षेयर करती नज़र आई तो राज्य में उसके वोट केसीआर की पार्टी ‘बीआरएस’ को ट्रांसफर हो सकते हैं। कांग्रेस का जोर इस बैठक को शिमला में आहूत कराने को लेकर था, पर जब नीतीश ने समझाया कि विपक्षी एका के इस नए गठबंधन का आगाज़ लोकनायक जयप्रकाश नारायण की धरती से होना चाहिए, जिन्होंने अपने नैतिक बल से तब कि सत्तारूढ़ दिल्ली की चूलें हिला दी थीं। कांग्रेस यह भी चाहती है कि यूपीए के स्थान पर जो नया गठबंधन आकार ले रहा है इसकी नियमित अंतराल पर बैठक हो। सूत्रों की मानें तो पटना के बाद इस गठबंधन की अगली बैठक किसी कांग्रेस ‘शासित राज्य मसलन हिमाचल प्रदेश या राजस्थान में हो सकती है। सूत्र यह भी खुलासा करते हैं कि इस नए गठबंधन का अध्यक्ष शरद पवार को बनाया जा सकता है और नीतीश इसके संयोजक हो सकते हैं।
Posted on 19 June 2023 by admin
उत्तर प्रदेश के गाज़ीपुर लोकसभा के सांसद रहे अफज़ाल अंसारी को जब एक मामले में कोर्ट से 4 साल की सजा मुकर्रर हुई तो इनकी लोकसभा की सदस्यता भी जाती रही। अब गाज़ीपुर उपचुनाव के लिए कमर कस रहा है। गाज़ीपुर लोकसभा सीट से 2014 का लोकसभा चुनाव जीतने वाले और यहां से 2019 का चुनाव हारने वाले जम्मू-कश्मीर के गवर्नर मनोज सिन्हा इस सीट पर अपनी पकड़ बरकरार रखने के लिए यहां से अपनी पुत्रवधु दीपाली या पुत्र अनुभव सिन्हा को भाजपा का टिकट दिलवाना चाहते हैं, वहीं यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने सजातीय और सपा के प्रमुख नेता रहे राधेमोहन सिंह को यहां से मैदान में उतारना चाहते हैं। कभी गाज़ीपुर भूमिहार बाहुल्य सीट हुआ करती थी, पर परिसीमन में यहां की दो प्रमुख भूमिहार सीटें मोहम्मदाबाद और जहुराबाद बलिया में शामिल हो गईं और अब गाज़ीपुर में राजपूत और यादव वोट निर्णायक हो गए हैं। वैसे भी योगी का तर्क है कि गाज़ीपुर के 19 प्रतिशत यादव वोट और 10 फीसदी मुस्लिम वोट की काट बस राजपूतों के पास ही है। इस सीट पर चंद्रशेखर के पुत्र और राज्यसभा सांसद नीरज शेखर की भी नज़र है, दावा तो वीरेंद्र सिंह मस्त का भी है पर महाठग संजय षेरपुरिया के धरे जाने से मनोज सिन्हा की पकड़ गाज़ीपुर सीट पर कमजोर हो गई है, क्योंकि षेरपुरिया के बारे में दावा किया जा रहा था कि वे सिन्हा के करीबियों में शामिल रहे हैं। 2019 के चुनाव से पहले सिन्हा ने जो चुनाव आयोग को अपना हलफनामा दिया था बताया जा रहा है कि उसमें इस बात का भी जिक्र है कि चुनावी खर्चे के लिए उन्होंने तब षेरपुरिया से 25 लाख रुपयों का कर्ज भी लिया था।
Posted on 19 June 2023 by admin
कर्नाटक चुनाव के दंश के बाद से ही लगातार भाजपा में मंथन बैठकों का दौर जारी है, अभी बीते शुक्रवार को ही अमित शाह, बी एल संतोष और जे पी नड्डा की भाजपा महासचिवों के साथ एक अहम बैठक हुई। दरअसल, भगवा पार्टी की यह सारी कवायद आनेवाले 2024 के आम चुनाव को लेकर है जहां पार्टी किसी भी मोर्चे पर कमजोर नहीं दिखना चाहती। इस कड़ी में सबसे पहला कदम प्रदेश अध्यक्षों को बदलने का हो सकता है। इससे पूर्व पार्टी ने बिहार, राजस्थान, दिल्ली और ओडिशा में नए अध्यक्ष बनाए गए थे। पर इनमें से भी कई सिरमौर पार्टी नेतृत्व की आकांक्षाओं पर खरे नहीं उतर पा रहे हैं। यूपी में भी पश्चिमी यूपी के जाट नेता भूपेंद्र चैधरी को अध्यक्षीय पारी सौंपी गई पर पार्टी नेतृत्व उनके प्रदर्शन से भी खुश नहीं बताया जाता। महाराष्ट्र और झारखंड में भी नए अध्यक्ष लाने की तैयारी है। झारखंड में पार्टी बतौर प्रदेश अध्यक्ष किसी आदिखसी चेहरे पर दांव लगाना चाहती है, फिलहाल इस रेस में प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी सबसे आगे बताए जा रहे हैं। हालांकि इस रेस में अर्जुन मुंडा और समीर ओरांव भी शामिल हैं, पर सूत्रों की मानें तो वहां दीपक प्रकाश की जगह भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी का नाम लगभग तय हो चुका है। महाराष्ट्र में चंद्रशेखर बावनकुले अगस्त 2022 में ही पार्टी अध्यक्ष बने हैं पर उनके कामकाज और तौर तरीकों से पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व नाराज़ बताया जा रहा है, सो महाराष्ट्र की कमान किसी ‘प्रो एक्टिव लीडर’ को सौंपी जा सकती है। कर्नाटक में भी भाजपा लंबे समय से नलिन कतिल के विकल्प की तलाश में जुटी है, यानी 2024 में भाजपा कोई रिस्क नहीं लेना चाहती।
Posted on 19 June 2023 by admin
कांग्रेस संगठन में बदलाव की कवायद चल रही है, क्योंकि प्रियंका गांधी ने यूपी छोड़ मध्य प्रदेश की ठौर पकड़ ली है, सो यूपी के लिए एक नए प्रभारी की तलाश जारी है। सूत्रों की मानें तो यूपी इंचार्ज के लिए प्रियंका खेमा अपनी ओर तारिक अनवर का नाम आगे कर रहा है, लेकिन सलमान खुर्शीद जैसे पार्टी के सीनियर नेता इस बात का विरोध कर रहे हैं। सलमान का तर्क है कि चूंकि यूपी में ठाकुर मुख्यमंत्री है तो कांग्रेस को किसी मुस्लिम की बजाए एक ब्राह्मण चेहरे को यूपी का प्रभारी बनाना चाहिए। इस कड़ी में मध्य प्रदेश के ब्राह्मण नेता सत्यव्रत चतुर्वेदी का नाम आगे किया जा रहा है। हालांकि उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत कई मौकों पर राजनीति से संन्यास लेने की इच्छा जता चुके हैं फिर भी पार्टी का एक धड़ा यूपी प्रभारी के तौर पर उनके नाम की वकालत कर रहा है। कहते हैं यूपी इंचार्ज का फैसला पार्टी राहुल के अमरीका से वापिस लौटने के बाद ही करेगी। वहीं महाराष्ट्र के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले को भी बदले जाने की चर्चा जोरों पर है। कहते हैं कांग्रेस के इस प्रदेश अध्यक्ष को लेकर महाविकास अघाड़ी गठबंधन ने कांग्रेस हाईकमान से कई मौकों पर शिकायत की है कि पटोले की अनावश्यक बयानबाजी से गठबंधन धर्म को नुकसान पहुंचता है, ऐसे में किसी सीनियर कांग्रेसी को महाराष्ट्र की कमान दिए जाने की सुगबुगाहट है।
Posted on 19 June 2023 by admin
महाराष्ट्र के पुणे के भाजपा सांसद गिरिश बापट और चंद्रपुर के कांग्रेसी सांसद सुरेश नारायण उर्फ बालू धानोरकर के निधन से यह दो लोकसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं। एक संभावना यह भी जतायी जा रही है कि इन दोनों सीटों के उपचुनाव महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के साथ करा दिए जाएं, सूत्र बताते हैं कि भाजपा महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव समय पूर्व कराना चाहती है जिससे कि वहां कि मौजूदा राजनीतिक अथिरता से पार पाया जा सके। भाजपा अपने पूर्व सांसद हंसराज गंगाराम अहीर से चंद्रपुर के उपचुनाव में उतरने को कह रही है, अहीर इस वक्त राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष हैं, सूत्र बताते हैं कि उन्होंने यह कहते हुए पार्टी नेतृत्व के इस ‘आफर’ को ठुकरा दिया कि महज चंद महीनों के लिए चुनाव में इतना धन झोंकने का क्या औचित्य, जब अगले कुछ महीनों में 24 के आम चुनाव होने ही हैं। ऐसे में देवेंद्र फड़नवीस ने दिवंगत धानोरकर की विधायक पत्नी प्रतिभा धानोरकर से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने की पेशकश की है। पर भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व फिलहाल धानोरकर परिवार से एक दूरी बनाए रखने का पक्षधर है, क्योंकि ईडी इन दिनों धानोरकर परिवार के नागपुर में बने उस आलीशान होटल की जांच में जुटी है।
Posted on 19 June 2023 by admin
महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस पिछले दो महीनों में कई बार शिंदे सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार की बात दुहरा चुके हैं, पर वह नायाब घड़ी कभी आती ही नहीं है। इस पर महाराष्ट्र में एक चुटकुला चल पड़ा है कि ‘अगर पत्नी यह कह कर मेकअप रूम में गयी है कि ‘दस मिनट में तैयार होकर आती हूं तो फिर हर आधे घंटे में दरवाजा खटखटाने की क्या जरूरत है?’
Posted on 19 June 2023 by admin
पिछले काफी समय से राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के दरम्यान असहज करती तल्खियों का जमावड़ा है। पायलट और गहलोत दोनों ने एक-दूसरे के खिलाफ सीधा हमला बोला है। पर अपनी अमेरिका की यात्रा पर रवाना होने से पूर्व राहुल गांधी ने मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ बैठकर इस मामले को निपटाने की पहल की है। इसी पहल के तहत साफ किया गया है कि पायलट और उनके 3 समर्थक विधायकों पर पार्टी कोई कार्रवाई नहीं करेगी। पायलट ने राहुल के समक्ष यह भी अर्ज किया था कि ‘इस चुनावी बेला में कांग्रेस के पक्ष में माहौल बनाने के लिए उन्हें ‘फ्रीहैंड’ दिया जाए, भले ही पार्टी उन्हें मुख्यमंत्री के तौर पर प्रोजेक्ट न करे पर पार्टी में उनके इकबाल को सलामत रखा जाए।’ पायलट अपने चुनावी अभियान का पूरा फोकस युवा केंद्रित रखना चाहते हैं जिससे कि प्रदेश के युवाओं को यह संदेश दिया जा सके कि प्रदेश को अगला युवा सीएम मिलने जा रहा है। पार्टी हाईकमान की रणनीति भी बेहद साफ है कि आनेवाले राजस्थान विधानसभा चुनाओं में पार्टी पूरी तरह एकजुट दिखनी चाहिए और नए सीएम का फैसला जीत हासिल करने के बाद ही होगा, सो, गहलोत हों या सचिन दोनों के लिए पार्टी को विजयी बनाना बेहद जरुरी है, वह भी मिल जुल कर।
Posted on 19 June 2023 by admin
’देखो इतने ही गौर से खुद को कभी, जैसे दुनिया देखती है तुम्हें
सौ-सौ हाथ के आइने होंगे, पर इतना ही अदना होगा चेहरा तुम्हारा’
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से पार्टीजनों की आम शिकायत रहती है कि पार्टी के आम कार्यकत्र्ताओं का उनसे मिल पाना एक टेढ़ी खीर है। वहीं पार्टी के कई अन्य सीनियर नेता मसलन पवन बंसल जैसे लोग नियमित रूप से पार्टी कार्यकत्र्ताओं से मिलना-जुलना पसंद करते हैं। सो, पार्टी जनों की भावनाओं को मद्देनजर रखते एक दिन यूं अचानक खड़गे ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म से ऐलान किया कि वे इस गुरुवार यानी 1 जून को अपना जनता दरबार लगाएंगे, यह दरबार 24 अकबर रोड नई दिल्ली के पार्टी कार्यालय में आहूत होगा और इसमें पार्टी का अदना सा भी कार्यकत्र्ता उनसे बिना समय लिए मिल सकता है और अपने दिल की बात कह सकता है। खड़गे के संदेश का पार्टी कार्यकत्र्ताओं में व्यापक असर हुआ और वे बड़ी संख्या में गुरुवार के दिन पार्टी मुख्यालय की ओर कूच कर गए। पर इत्तफाक देखिए उसी दिन सुबह 9 बजे से ही अकबर रोड पर ‘वीआईपी रूट’ लग गया और कांगे्रस मुख्यालय के आसपास बड़े पैमाने पर पुलिसवालों की तैनाती हो गई। क्योंकि उसी दिन हैदराबाद हाऊस में नेपाल के प्रधानमंत्री प्रचंड दहल कमल की हमारे प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात होनी थी। आमतौर पर अकबर रोड को हैदराबाद हाऊस जाने में ‘वीआईपी रूट’ से मुक्त रखा जाता है, पर उस दिन यह रूट लगा या लगाया गया सो, बड़ी तादाद में कार्यकत्र्तागण अपने कांग्रेस मुख्यालय में प्रवेश ही नहीं कर पाए, थोड़े बहुत जो अंदर आ पाए थे उनके साथ बस ‘फोटो खिंचाओ और जाओ’ का ही सलूक हुआ, वे न अपने दिल की बात खड़गे से कर पाए और ना ही खड़गे वो सुन पाए जो उनके पार्टी के सिपाही उनसे कहना चाहते थे। जरा इत्तफाकों की इस श्रृंखला पर गौर फरमाइए कि जैसे ही दिन के 2 बजे के आसपास खड़गे का जनता दरबार खत्म हुआ, बाहर खड़े पुलिसवालों ने भी अपना टेंट-तंबू वहां से उठा लिया।
Posted on 19 June 2023 by admin
महाराष्ट्रके एकमात्र कांग्रेसी सांसद सुरेश उर्फ बालू धानोरकर के अचानक निधन से चंद्रपुर सीट खाली हो गई है। अब चंद्रपुर उपचुनाव में यहां कांग्रेस से प्रत्याशी कौन होगा इसको लेकर पार्टी नेताओं में कोहराम मचा है। महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले दिवंगत धानोरकर की विधायक पत्नी प्रतिभा को यहां से मैदान में उतारना चाहते हैं, वहीं पार्टी नेताओं का एक और तबका चंद्रपुर के पूर्व सांसद और टेªड यूनियन नेता नरेश पुगलिया को यहां से टिकट दिए जाने का पक्षधर है। 2019 लोकसभा चुनाव के नामांकन के एक दिन पहले तब के शिवसेना विधायक धानोरकर कांगे्रस में ‘ाामिल हुए थे, वे बड़े ‘ाराब व्यवसायी थे, उनके पास पैसों की कोई कमी नहीं थी ‘ाायद इसीलिए उस वक्त उन्होंने मुकुल वासनिक और विजय वडीटवार जैसे दिग्गज नेताओं को भी अपने पक्ष में कर लिया और इन्हीं नेताओं ने तब पुगलिया को बागी होने से रोक लिया था। 2019 में गठबंधन के तहत चंद्रपुर सीट शिवसेना कोटे से भाजपा के पाले में आ गई थी इसी वजह से बालू को आनन-फानन में शिवसेना छोड़ कांग्रेस का दामन थामना पड़ा था। वहीं इस सीट के प्रबल दावेदार नरेश पुगलिया राहुल गांधी के खास विश्वस्तों में ‘ाुमार होते हैं। याद कीजिए जब राहुल गांधी विदर्भ में लीलावती और कलावती से मिलने उनके घर गए थे तो राहुल के कहने पर पुगलिया ने ही इन दोनों की आर्थिक मदद की थी। विदर्भ के एक किसान जिन्होने एक क्रांतिकारी बीज का अविष्कार किया था, जब उसने आत्महत्या कर ली तो राहुल के कहने पर ही पुगलिया ने उनके पुत्र की ‘बल्लारपुर पेपर मिल’ में नौकरी लगवायी। पार्टी का एक गुट यहां दिवंगत धानोरकर की पत्नी प्रतिभा को टिकट दिए जाने का विरोध कर रहा है और कह रहा है कि पार्टी जालंधर उपचुनाव से सबक सीखे जहां कांग्रेस के दिवंगत सांसद की पत्नी कमलजीत कौर को यहां हार का मुंह देखना पड़ा और 24 साल बाद कांग्रेस ने अपनी जालंधर की परंपरागत सीट आप के हाथों गंवा दी।
Posted on 19 June 2023 by admin
विपक्षी दलों ने भले ही नए संसद भवन का राष्ट्रपति द्वारा उद्घाटन न किए जाने को एक देशव्यापी मुद्दा बना दिया पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु इन बातों से अनभिज्ञ जान पड़ती हैं। पिछले दिनों जब कंबोडिया के राजा एचएम नोरोडम सिहामोनि अपने 3 दिवसीय भारत दौरे पर यहां पधारे तो हमारी राष्ट्रपति एक नए अवतार में नज़र आईं। जब फोर्ट कोर्ट पर सलामी का मंजर होता है तो अमूमन इस काफिले में पीएम आगे चल रहे होते हैं ओर पीछे-पीछे राष्ट्रपति, पूर्ववर्ती कोविंद के जमाने से यह मंजर आम रहा है। पर इस दफे नजारा बदला हुआ था, इस दफे राष्ट्रपति आगे-आगे चल रही थीं जैसे ही कंबोडिया के राजा की वीआईपी गाड़ी आकर रूकी उनके स्वागत के लिए राष्ट्रपति सबसे आगे खड़ी थीं। राजा से खुब घुलमिल कर बातें कर रही थीं। जब फोटो ‘ाूट का वक्त मुकर्रर हुआ तो पीएम गेस्ट के राइट में खड़े नज़र आए। प्रोटोकाल के हिसाब से पीएम को लेफ्ट में होना चाहिए था, राष्ट्रपति ने पीएम से इशारों में लेफ्ट में खड़े होने का अनुरोध किया, पर पीएम ने हाथ उठाकर कह दिया कि ‘मैं यहीं राइट हूं।’