विकीलिक्स के असली राज क्या हैं? |
March 22 2011 |
होली का मौसम है और सियासी रंग हर तरफ बिखरे पड़े हैं, ऐसे में अगर विकीलिक्स खुलासे झूठे हैं तो फिर असांजे (इसके संस्थापक) के लिखाफ अमरीका में इतने मुकदमे क्यों? विकीलिक्स को नकारना मनमोहन सिंह के लिए ठीक वैसा ही है, जैसा कि वो दावा करें कि उनके 10 जनपथ द्वारा नियंत्रित होने की खबर बेमानी है। हिंदू अखबार के पास ये केबल 3 महीने पहले आ गए थे, पर इसका खुलासा अब क्यों? क्योंकि 5 राज्यों के चुनाव सिर पर हैं और हिंदू अखबार के संपादक एन.राम वामपंथी विचारों के ज्यादा करीब है, एक समता मूलक समाज की वे अक्सर वकालत करते हैं, सो विकीलिक्स के रोज-बेरोज के खुलासे से अगर कांग्रेस की मिट्टी पलीद होती है तो वामदल पश्चिम बंगाल व केरल में इसका लाभ ले सकते हैं। कम से कम राम की कोशिश तो यही है। |
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