रेल पर चढ़ेगा कांग्रेसी रंग

September 25 2012


ममता संकट से उबरने की कोशिश में जुटी यूपीए-2 सरकार आनेवाले दिनों में अपने गठबंधन साथियों को लेकर कई कड़े फैसले ले सकती है। मसलन, मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी की बातचीत में यह सहमति बनी है कि अब से रेलवे मंत्रालय किसी गठबंधन साथी के बजाए सिर्फ और सिर्फ कांग्रेस के पास ही रहेगा। यह मंत्रालय माौदा वंक्त में अतिरिक्त प्रभार के तौर पर गुलाम नबी के सुपुर्द किया जा सकता है। इसके अलावा ग्रामीण विकास मंत्रालय भी कांग्रेस के पास ही बना रहेगा चूंकि कांग्रेसी युवराज राहुल गांधी के तमाम ड्रीम प्रोजेक्ट्स का यह संचालन केंद्र है और मंत्रालय का बजट भी बड़ा है। वैसे, रेलवे को लेकर डीएमके टी.आर.बालू के लिए खासी लॉबिंग कर रही है, पर लगता नहीं इस बार बिल्ली के भाग्य से छींका टूटेगा। इसके अलावा कांग्रेस कानून और कार्मिक यानी पर्सनल मंत्रालय भी अपने पास ही रखेगी। अगर यूपीए के गठबंधन साथियों की बात की जाए तो स्वास्थ्य और पर्यावरण डीएमके का सदैव से पसंदीदा मंत्रालय रहा है। ठीक वैसे ही जैसे एनडीए के कार्यकाल में जयललिता अपने लिए कानून, वित्त (राज्य मंत्रालय) और कार्मिक मंत्रालयों की मांग करती आई थीं।

 
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