यह कैसा फेरबदल?

January 26 2011


केंद्रीय मंत्रिमंडल के इस विस्तार से हमारे गुणी प्रधानमंत्री ने साबित कर दिया है कि इससे-अच्छे लोग उनके पास नहीं हैं। इस फेरबदल पर स्पष्ट रूप से राडिया गेट की छाया दिखी। अनिल अंबानी की खुशी भी क्षणिक रही जब उन्हें मालूम हुआ कि देवड़ा से पेट्रोलियम मंत्रालय लिया जा रहा है पर पीएम ने उन्हें कॉरपोरेट अफेयर थमा दिया। कमलनाथ को प्रधानमंत्री कोई कम महत्व वाला मंत्रालय देना चाहते थे पर दस जनपथ के दबाव में हुआ इसका उल्टा, उन्हें शहरी विकास जैसा महत्वपूर्ण मंत्रालय मिल गया, शायद यही कारण है कि कमलनाथ की आंगतुकों की सूची अभी भी वही है जो भूतल परिवहन के वक्त हुआ करती थी। एस.एम.कृष्णा का जाना और उन्हें आंध्र का गवर्नर बनाया जाना भी तय माना जा रहा था, पर ऐनवक्त प्रधानमंत्री को दी गई उनकी चेतावनी काम कर गई।

 
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