मुश्किल घड़ी गडकरी |
November 21 2009 |
पूरा संघ नितिन गडकरी को अगला भाजपा अध्यक्ष बनाने के लिए कृतसंकल्प दिखता है। गडकरी हैं कौन? उनमें आखिर ऐसा क्या देख रहा है संघ? संघ का नजरिया साफ है, अब वह भाजपा की डोर पूरी तरह से अपनी हाथों में रखना चाहता है, डोर तो राजनाथ के राज में भी कमोबेश संघियों के हाथों में ही है, पर गाहे-बगाहे राजनाथ की ढुल-मुल नीतियों से संघ को परेशानियां झेलनी पड़ी है। संघ एक बार गलती कर चुका है और अब उस गलती को वह दुहराना नहीं चाहता, जब अटल बिहारी वाजपेयी जैसा व्यक्तित्व खड़ा कर संघ उनके समक्ष स्वयं बौना पड़ गया था, सो गडकरी भाजपा की वह लजीली बिटिया हैं जो घर से बाहर कम निकली है, यूपी, बिहार, झारखंड जैसे राज्यों को तो शायद उन्होंने ठीक से देखा भी नहीं है, गडकरी की यही अदा तो संघ को भा गई है, बिटिया को घर से पांव बाहर निकालने में संकोच होता है सो निश्चय ही वह मर्यादित और नैतिक है। क्या ऐसे ही बदलेगा भाजपा का चाल, चरित्र और चेहरा! |
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