मंत्री भी नहीं ले पाए फैसला |
January 11 2012 |
जब यह मसला सरकार के पास आया तो उस वक्त कैबिनेट की मीटिंग चल रही थी। मीटिंग के बाद इस मसले पर विचार करने के लिए 5 लोग रूक गए, प्रधानमंत्री, चिदंबरम, प्रणब मुखर्जी, ए.के.एंटोनी व सलमान खुर्शीद। प्रणब इस पक्ष में थे कि इस मसले को और उलझाना ठीक नहीं क्यों नहीं इन्हें 2012 में ही रिटायर कर दिया जाए, तो पीएम ने कहा कि अगर ये 2012 में रिटायर होंगे तब एक सिख सेना प्रमुख बन जाएगा। और तब अंगुली उनकी ओर उठेगी, तब चिदंबरम ने कहा ठीक है अगले को बना देते हैं, इस पर पीएम ने कहा कि वह एक मराठी है उसे बनाने से सिख समुदाय में मेरे प्रति नाराजगी जाएगी कि मैंने जे.जे.सिंह को तो बनवा दिया, पर एक जट सिख को नहीं बनने दिया। ये पांचों शीर्ष नेता मिलकर भी किसी सामूहिक फैसले पर नहीं पहुंच पाए, नतीजन ऊहापोह का आलम बरकरार है। |
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