भगवा गांधी का फलसफा |
April 26 2010 |
संसद में अपनी मेडन स्पीच से भाजपा के युवा नेता और पीलीभीत के सांसद वरुण गांधी ने सचमुच समां बांध दिया। वरुण ने गुरूवार को जब दंतेवाड़ा में शहीद हुए 76 सीआरपीएफ जवानों की शहादत का मामला उठाया तो राज्य व केंद्र सरकार की असंवेदनशीलता का जिक्र करते हुए वे इस कदर भावुक हो गए कि लोकसभा में अडवानी अपने को रोने से रोक नहीं पाए, वरुण की ताई सोनिया भी एक पल के लिए गमगीन हो गईं। वरुण का भाषण खत्म होने के बाद भले ही लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज ने उनकी पीठ सबसे पहले थपथपाई हो, लेकिन उनको बधाई देने वालों में कांग्रेस व वामपंथी सांसद भी शामिल थे। दंतेवाड़ा में अकेले यूपी के 47 जवान शहीद हो गए, जब वरुण इन शहीद के परिवार वालों से मिलने पंचटा गांव पहुंचे तो एक शहीद की विधवा का तीन वर्षीय बालक उनकी गोद में चढ़ आया और उन्होंने युवा गांधी से पहला सवाल यही पूछा कि उसके पापा कब आएंगे? वरुण ने सदन में सवाल उठाया कि ‘हम शहीदों की कुर्बानियों के प्रति इतने असंवेदनशील हो गए हैं कि उनकी शहादत भी हमारे लिए महज मौत का एक आंकड़ा बनकर रह गई है।’ वरुण ने सदन में यह भी सवाल उठाया कि क्या यही हमारा लोकतंत्र है, जहां जीवित नेताओं और उनके हैंड बैग की प्रतिमा बनाने के लिए तो राज्य सरकार के पास अकूत धन है, बेहिसाब फंड है, पर शहीद पुत्रों के स्मारक बनाने के नाम पर उनका खजाना खाली है। |
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