पराजित होते अजीत |
July 18 2011 |
जाट नेता अजीत सिंह कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से बेतरह नाराज हैं और वे अब हर तरफ यह कहते घूम रहे हैं कि वे दो कांग्रेसी दिग्गज अहमद पटेल व दिग्विजय सिंह के आपसी शीतयुध्द की बलि चढ़ गए हैं। चूंकि अजीत का मंत्रिमंडल में आना पक्का था और यह संधि द्वार राहुल द्वारपाल दिग्विजय के मार्फत खुला था। सो, अजीत की माने तो पटेल ने एक सुविचारित नीति के तहत उनके इस मंसूबों के रेत महल को ढा दिया। कांग्रेस अजीत को एक कैबिनेट व एक राज्य मंत्री का बर्थ दिए जाने को तैयार भी थी, क्योंकि राहुल ने हालिया दिनों में जिस प्रकार जाट बहुल्य क्षेत्रों में किसानों की राजनीति की है उसे वोट के रूप में पल्लवित-पुष्पित होने में अजीत जैसे माली का साथ चाहिए था, अब तो आलम यह है कि राहुल अजीत को मिलने का भी वक्त नहीं दे रहे। अजीत दो बार कांग्रेसी युवराज से मिलने का वक्त मांग चुके हैं, राहुल ने अजीत पुत्र जयंत को जरूर मिलने का वक्त दिया पर इससे बात बनी नहीं। |
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