नक्सल का दलदल |
May 28 2010 |
नक्सलवाद से निबटने में कौन सा रवैया कारगर होगा इसको लेकर कांग्रेस दो खेमों में बंट गई है, एक वर्ग है जिसका मानना है कि इस समस्या का हल शांतिपूर्ण तरीके से बातचीत द्वारा संभव है, इस मत की स्वयं सोनिया गांधी है और दिग्विजय सिंह लगातार यही खटराग अलाप रहे हैं, एक गरम वर्ग है जिसकी नुमांइदगी चिदंबरम सरीखे लोग कर रहे हैं। इनका मानना है कि अगर भारत को नेपाल बनने से रोकना है तो इस समस्या का एकमात्र हल आर्मी को इस्तेमाल है। इस वर्ग का मानना है कि नक्सलियों को पैसों और संसाधनों की कोई तंगी नहीं है, उन्हें देश के बाहर से भी पैसा मिल रहा है और देश में भी। केंद्र सरकार की जितनी भी स्क्रीमें नक्सल प्रभावित राज्यों में पहुंच रही है, नक्सली इसमें चांदी काट रहे हैं, और मोटी कमीशन ले रहे हैं, यहां तक कि उन राज्यों में तैनात सरकारी कर्मचारियों को भी नक्सलियों को अपनी तनख्वाह में से भी कमीशन देनी पड़ रही है। |
Feedback |