एक अनार सौ बीमार |
May 19 2010 |
झारखंड में भाजपा का मुख्यमंत्री बनते-बनते रह गया, दरअसल भाजपा नेताओं में किसी एक नाम पर सहमति बन ही नहीं पा रही थी, जितने कैंप, उतनी कैप यानी जहां राजनाथ सिंह खुलकर अर्जुन मुंडा की नाम की पैरवी कर रहे थे, तो भाजपा की पूरी बनिया लॉबी मजबूती से रघुवर दास के पीछे डटी थी, ऐसे में पद के सबसे प्रबल दावेदार यशवंत सिन्हा का कोई नामलेवा ही नहीं था सिवा अडवानी के, जिन्होंने मजबूती से सिन्हा का साथ दिया, अपनी सरकार, अपना मुख्यमंत्री का सूत्र वाक्य देने वाले यशवंत सिन्हा ही अंत-अंत तक ‘सरकार नहीं बनाने’ पर अड़ गए उनका कहना था कि यह एक भ्रष्ट सरकार होगी और भाजपा की इमेज भी इससे खराब होगी और इस बात की भी कोई गारंटी नहीं कि झामुमो वाले हमें आखिर कब तक सपोर्ट करे…सो बंदरों के झगड़े में सोरेन की सियासी बिल्ली मौका ले ही उड़ी। |
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